अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपको हर महीने जो सैलरी मिलती है उसमें आप इजाफा जरूर देखना चाहते होंगे? यानी आप चाहते हैं कि आपकी कंपनी आपका अच्छा अप्रेजल करे और प्रमोशन भी करें। हालांकि, हर कंपनी अलग-अलग तरह से अपने कर्मचारियों का प्रमोशन और अप्रेजल करती है।
इसके लिए अलग-अलग मापदंड होते हैं जिनके आधार पर कंपनी कर्मचारियों का अप्रेजल और प्रमोशन करती है। पर ये जरूर नहीं कि सभी का प्रमोशन हो या सभी की सैलरी बढ़ जाए। इसके लिए कर्मचारी के काम करने से लेकर अन्य चीजों का ख्याल रखा जाता है। इसके बाद जो कर्मचारी कंपनी के मापदंड में सही होता है, उसका प्रमोशन किया जाता है। इसी क्रम में क्या आप ये जानते हैं कि भारत के क्रिकेट खिलाड़ियों का प्रमोशन किस आधार पर होता है? शायद नहीं, तो चलिए जानते हैं किस आधार पर क्रिकेटर्स का प्रमोशन होता है। आप अगली स्लाइड्स में इस बारे में जान सकते हैं…
कैसे होता है खिलाड़ियों का प्रमोशन?
सबसे पहले ये जान लें कि क्रिकेट में खिलाड़ियों के प्रमोशन का मतलब होता है किसी खिलाड़ी का स्थानीय या घरेलू स्तर से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचना। इसमें खिलाड़ी का प्रदर्शन, मेहनत, प्रतिभा जैसे मापदंड शामिल होते हैं जिनके आधार पर ये तय किया जाता है कि खिलाड़ी आगे जाएगा या नहीं।
प्रदर्शन के आधार पर
किसी क्रिकेटर्स का प्रमोशन उसके द्वारा मैदान पर किए गए प्रदर्शन के आधार पर होता है। जैसे, अगर कोई खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट्स (रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी, और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी) में अच्छा प्रदर्शन करता है तो उस खिलाड़ी पर चयनकर्ताओं की नजर रहती है और उस खिलाड़ी के आगे बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
फिर आगे बढ़ते हैं खिलाड़ी
अंडर-19 और अंडर-23 जैसे बड़े टूर्नामेंट्स भी खिलाड़ियों के लिए बेहद जरूरी होते हैं, क्योंकि जो खिलाड़ी यहां पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं उन्हें भारतीय टीम की राष्ट्रीय टीम में खेलने का मौका मिलता है और ये उनके लिए सबसे बड़ा प्रमोशन होता है।