वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद के मामले में आज का दिन अहम है। जिला अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वजुखाने में मिल कथित शिवलिंग का कार्बन डेटिंग कराए जाने की मांग की गई है। हिंदू पक्ष में ही दो तरह के सुर उठने लगे हैं। हिन्दू पक्ष के वकील के अनुसार अदालत ने कहा कि इस मामले में हम कुछ स्पष्टीकरण चाहते हैं।
सिविल जज फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में ज्ञानवापी प्रकरण के दो प्रार्थनों पर सुनवाई टल गई है। गुरुवार को ही प्रार्थनों पत्रों पर सुनवाई होनी थी। मगर भरत मिलाप की लोकल छुट्टी से कचहरी में अवकाश होने के कारण शुक्रवार को कोर्ट खुलने पर सुनवाई की तारीख लगी।इस पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। मुख्य वादी राखी सिंह के वकील की तरफ से इसका विरोध किया गया है।
सबसे पहले कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराया गया था। सर्वे के दौरान मस्जिद के वजू खाने में एक शिवलिंग नुमा आकृति मिली थी, जिसे हिंदू पक्ष ने आदि विश्वेश्वर का शिवलिंग बताया था।मुस्लिम पक्ष का प्रतिउत्तर सुनने के बाद अदालत अपना फैसला सुना सकता है। अब मामले की अगली सुनवाई 11 अक्तूबर को होगी।
मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा था। श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन मामले में कुल 5 वादी महिलाएं हैं, जिनमें से चार वादी महिलाओं के वकील विष्णु शंकर जैन ने सर्वे के दौरान वजू खाने में मिले शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग के लिए याचिका दी थी।