सुप्रीम कोर्ट ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग वाली  याचिका को  खारिज कर दिया। कोर्ट ने याचिका को जनहित याचिका का उपहास करार दिया।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी।  यह मुद्दा कार्यपालिका के नीति निर्माण के दायरे में आता है।

पीठ ने याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाना है या नहीं, यह सरकार की नीति का मामला है। सुप्रीम कोर्ट इसका निर्देश नहीं दे सकता है।

पीठ ने कहा कि आपको उच्चतम न्यायालय के क्षेत्राधिकार को भी गंभीरता से लेना चाहिए।   केके रमेश नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आप अन्य याचिकाकर्ताओं का समय बर्बाद कर रहे हैं। आप जनहित याचिका का मजाक नहीं बना सकते।