दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ‘अभी यह निर्धारित करना जल्दबाजी होगी कि ओमिक्रोन वेरिएंट केवल हल्की बीमारी का कारण बनेगा.’
वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट का सही प्रभाव वर्तमान में निर्धारित करना कठिन है क्योंकि इसने अभी तक ज्यादातर युवाओं को प्रभावित किया है, जो रोग से लड़ने में सक्षम हैं.
एनआईसीडी में सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी और प्रतिक्रिया के प्रमुख मिशेल ग्रोम ने सांसदों को बताया कि नया संक्रमण ज्यादातर कम आयु के लोगों को हुआ है लेकिन हम इसे बुजुर्गों में भी देखा जाने लगा है.
रिचर्ड लेसेल्स ने कहा, “अगर यह वायरस और यह प्रकार आबादी में तेजी से फैलता है, तो यह उन लोगों को ढूंढने में सक्षम होगा जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है और जिनमें बीमारी से प्रतिरक्षा नहीं है.” उन्होंने कहा, “जब हम महाद्वीप के बारे में अधिक सामान्य रूप से सोचते हैं तो यही हमें चिंतित करता है.”