हल्दी का प्रयोग हर भारतीय घर में होता है। दूध से लेकर सब्जियों तक हल्दी का प्रयोग किया जाता है ताकि शरीर स्वस्थ रह सके। इसके पीछे का कारण है हल्दी में होने वाले एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट्स के गुण।
हल्दी हमारे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती है। जो लोग अधिक मोटे होते हैं उन्हें डायबिटीज होने का रिस्क अधिक रहता है। इसके सेवन से इन्सुलिन रेजिस्टेंस साथ ही फैट रिटेंशन भी नहीं होता। इसलिए हल्दी इन दोनों ही स्थितियों में फायदेमंद है।
हल्दी में पोली फेनोल और कर्क्यूमिन होते हैं जिसके अंदर एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीओबेसिटी गुण पाए जाते हैं। यह गुण शरीर के व्हाइट एडिपोज़ टिश्यू में सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
कर्क्युकिन फैट सेल्स को विकसित होने से रोकता है। करने से पेट में मौजूद बाइल की मात्रा बढ़ सकती है। बाइल से फैट कम होता है और मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। इस प्रकार भी हल्दी वजन कम करने में सहायक मानी जाती है।
हल्दी के एंटी-इंफ्लामेटरी गुण अर्थराइटिस, पैंक्रियाटिटिस और बाउल डिजीज में भी आराम देते हैं। लेकिन इसका अधिक सेवन नुकसानदायक है।