एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक जल्द ही भारत में इंटरनेट की दुनिया में एंट्री कर सकती है. भारत सरकार स्टारलिंक के कारोबार में आ रहीं दिक्कतों को दूर करने में लगी है.
दूरसंचार विभाग- डीओटी ने उपग्रह-आधारित ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू करने के लिए मंजूरी प्रक्रिया को सरल बनाना शुरू कर दिया है. देश में ब्रॉडबैंड और अन्य सेवाएं शुरू करने के लिए एलन मस्क की स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशंस और भारती समूह समर्थित वनवेब दो बड़ी कंपनियां हैं.
हाल ही में संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने संसद में बताया था कि एलन मस्क के स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशंस ने डीओटी में प्रायोगिक और परीक्षण लाइसेंस के लिए आवेदन किया है. उन्होंने कहा कि स्टारलिंक भारत अपनी सर्विस मुहैया कराने के लिए सभी जरूरी लाइसेंस और प्राधिकरणों के लिए आवेदन करना चाहती है.
इस महीने, स्टारलिंक के भारत में निदेशक संजय भार्गव ने कहा कि वे ब्रॉडबैंड और अन्य सेवाएं प्रदान करने के लिए 2022 की शुरुआत में एक कमर्शियल लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे.
इस बीच, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने टेलीकॉम और ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर में व्यवसाय करने में आसानी पर अपने परामर्श पत्र में सभी अनुमतियों को ऑनलाइन करने और सिंगल विंडो स्थापित करने पर विचार मांगा है.