नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को देश की आपदा प्रबंधन एजेंसियों की काम करने की गति और सटीकता बढ़ाने के लिए तीन बड़े तकनीकी मंचों (प्लेटफॉर्म) का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में राहत आयुक्त, आपदा प्रबंधन सचिव और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बलों के अधिकारी शामिल हुए।

शाह ने ‘इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम फॉर इमरजेंसी रिस्पॉन्स’ (आईसीआर-ईआर), ‘नेशनल डाटाबेस फॉर इमरजेंसी मैनेजमेंट लाइट 2.0’ (एनडीईएम लाइट 2.0) और ‘फ्लड हैजर्ड जोनेशन एटलस ऑफ असम’ का शुभारंभ किया। गृह मंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ये तीनों प्लेटफॉर्म हमारे आपदा प्रबंधन तंत्र को नई तकनीकों और सटीकता से लैस करेंगे।

उन्होंने कहा कि आईसीआर-ईआर देशभर में किसी भी आपदा के समय रियल टाइम में सैटेलाइट डाटा बचाव एजेंसियों तक पहुंचाएगा, जिससे प्रतिक्रिया त्वरित होगी। एनडीईएम लाइट 2.0 देश के कोने-कोने में मौजूद हमारी आपदा प्रतिक्रिया टीमों को एकजुट होकर तेजी से काम करने की क्षमता देगा। असम के लिए जिस एटलस का शुभारंभ किया गया है, वह बाढ़ नियंत्रण एजेंसियों को बाढ़ से निपटने के काम में मदद करेगा। इसमें बाढ़ से जुड़ा रियल टाइम डाटा, उसका असर और नदियों के जलस्तर की जानकारी शामिल होगी।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह सैटेलाइट आधारित एटलस राज्य में बाढ़ के पैटर्न का विश्लेषण करेगा और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति नियंत्रित करने, बाढ़-प्रतिरोधी कृषि को बढ़ावा देने, फसल बीमा योजनाओं में मदद देने और आपदा प्रबंधन योजनाएं बनाने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि वह इस जरूरी एटलस के लिए केंद्रीय गृह मंत्री के आभारी हैं, जो बाढ़ की समस्याओं को कम करने में लंबा रास्ता तय करेगा।