Tuesday, September 17, 2024 at 11:53 AM

बच्चे को मोबाइल दिखाकर खाना खिलाना हो सकता है नुकसानदायक, जानें असर और आदत छुड़ाने के तरीके

बच्चे को मोबाइल दिखाकर खाना खिलाना आपके लिए आसान काम हो सकता है, लेकिन यह उसके मन-मस्तिष्क पर बहुत बुरा असर डालता है। एक अध्ययन के अनुसार, 2 साल से कम उम्र के 90 फीसदी बच्चे स्मार्टफोन देखते हुए ही खाना खाते हैं। ज्यादातर माताएं भी जब बच्चा खाना नहीं खाता तो उसके हाथों में मोबाइल दे देती हैं और उन्हें लगता है कि उनका काम आसान हो गया।

बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में काम करने वाली निधी राज डेढ़ साल के बच्चे की मां हैं। वह बताती हैं कि वह पूरी कोशिश करती हैं कि वह खाना खिलाते वक्त अपने बच्चे को मोबाइल न दें। जब वह दो-चार दिन अपने बच्चे को मोबाइल नहीं देती हैं तो बच्चे में काफी बदलाव दिखते हैं। वह खुद ही काफी कुछ नया सीखता है। अगर आप भी अपने काम को आसान करने के लिए ऐसा कर रही हैं तो सावधान हो जाएं। यह धीरे-धीरे बच्चे की आदत में शुमार हो सकता है और उसके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को पूरी तरह से बिगाड़ सकता है।

क्या पड़ता है असर

बच्चा मोबाइल देखते-देखते जब खाना खाता है तो वह समझ नहीं पाता कि उसे कितनी भूख है और वह बस खाता जाता है, जिससे बच्चा कई बार ज्यादा खा लेता है और बीमार हो जाता है।
मोबाइल देखकर खाने से बच्चा खाने का मजा नहीं लेता। वह नहीं समझ पाता कि खाना अच्छा बना है या नहीं। कई बार तो उसे यह तक याद नहीं रहता कि उसने क्या खाया था।
मोबाइल से दोस्ती होने के बाद उसे माता-पिता नहीं चाहिए होते हैं। मां उसे खाना खिला रही है, वह उसकी तरफ देखता भी नहीं है, बल्कि मोबाइल को स्क्रॉल करता है, जो उसके मानसिक विकास के लिए घातक है।
इसके अलावा बच्चे का मेटाबॉलिज्म भी कमजोर होता है, क्योंकि वह खाना चबाकर नहीं खाता, बल्कि मुंह में डालते ही निगल लेता है। इससे उसकी पाचन शक्ति कमजोर होती जाती है।
यही नहीं, बच्चा जब करीब से फोन देखता है तो इससे उसकी आंखें कमजोर होती हैं और दिमाग पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।
इसके साथ ही बच्चे की रचनात्मकता में भी कमी आती है। मोबाइल देखने की वजह से वह बाहर की चीजों से कट जाता है। वह जो सीखता है, मोबाइल से ही सीखता है। सामाजिक बातें सीखने का उसे मौका ही नहीं मिलता है।

उपाय भी जान लें

अगर माता-पिता ही बच्चों के सामने हर वक्त मोबाइल का इस्तेमाल करेंगे या फिर खाते वक्त उनके हाथ में मोबाइल होगा तो बच्चे भी वही देखेंगे और सीखेंगे। इसलिए पहले खुद में सुधार लाएं।
खाने में हर वक्त कुछ नया ट्राई करें, ताकि बच्चों को भी उसमें मजा आए, वे भोजन का आनंद लें।
उन्हें खाने के साथ खेलने दें, ताकि वे खाने की चीजों को समझ भी सकें।
खाने के समय बच्चों के साथ बातचीत करें, उन्हें अलग-अलग रंग दिखाएं और उन से खाने के बारे में पूछें। इससे वे खाने का मजा लेंगे और खाने का स्वाद, रंग, खुशबू एवं खाने की पहचान करने में सक्षम होंगे।
इसके अलावा कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान आप जो भी करती हैं, बच्चे पर उसका असर पड़ता है और वह वही चीजें ज्यादा करता है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान गैजेट या स्क्रीन का इस्तेमाल कम से कम करें।

विकास में बाधक

दिल्ली के जग प्रवेश चंद्र अस्पताल के बाल रोग विभाग में सीनियर रेजिडेंट डॉ. नौशीन सिद्दीकी कहते हैं आजकल स्क्रीन टाइम ज्यादा होने की वजह से बच्चों में कई तरह की बीमारियां बढ़ रही हैं, जैसे- ऑटिज्म और एडीएचडी यानी ध्यान की कमी जैसी समस्या। मोबाइल दिखाकर खाना खिलाने से अभिभावकों को आगे चलकर भयावह परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इससे बच्चे का विकास रुक जाएगा और वह मोबाइल देखने का आदी हो जाएगा। यहां तक कि उसे खाना खाने का यही तरीका सही लगने लगेगा और वह सामाजिक दुनिया से आभासी दुनिया को अधिक सत्य मानने लगेगा। इसलिए आप जितनी छोटी उम्र से उनका स्क्रीन टाइम कम करने का प्रयास करेंगी, बच्चे के विकास के लिए उतना ही बेहतर होगा।

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