दिसंबर-जनवरी का महीना देश के अधिकतर हिस्सों में भीषण ठंड वाला होता है। हालांकि इस बार पिछले वर्षों की तुलना में ठंड कम है। सेहत के लिहाज से ठंड का समय कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को इन दिनों विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह दी जाती है। ठंड के कारण सर्दी-जुकाम की समस्या से लेकर साइनस और आर्थराइटिस की दिक्कत ट्रिगर हो सकती है, इसलिए बचाव के उपाय करते रहना सभी के लिए बहुत जरूरी है।
क्या आपको भी अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा ठंड लगती है? तमाम प्रयास करने के बावजूद भी शरीर जल्दी गर्म नहीं हो पाता है। कभी-कभी ऐसा होना तो सामान्य है हालांकि अगर अक्सर ये दिक्कत बनी रहती है तो सावधान हो जाना चाहिए। कुछ मामलों में ऐसा अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं या फिर विटामिन्स की कमी के भी कारण हो सकता है।
ज्यादा ठंड लगने की समस्या
ठंड अधिक लगना (Cold intolerance) वैसे तो कोई बीमारी नहीं है, हालांकि यह किसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या का संकेत जरूर हो सकता है। एनीमिया, हाइपोथायरायडिज्म, फाइब्रोमायल्जिया या एनोरेक्सिया जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण इस तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। कुछ प्रकार की क्रोनिक बीमारी के शिकार लोगों को भी अन्य लोगों की तुलना में अधिक ठंड लग सकती है।
आइए जानते हैं कि इसके लिए किन कारणों को मुख्यरूप से जिम्मेदार माना जाता है?
कहीं आपमें विटामिन्स की कमी तो नहीं?
डॉक्टर कहते हैं, बहुत अधिक ठंड लगना कई बार शरीर में जरूरी पोषक तत्व और विटामिन की कमी के कारण भी हो सकता है। अगर शरीर में विटामिन बी12 की कमी है तो ठंड अधिक महसूस हो सकती है। यह विटामिन लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और ऑक्सीजन के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस विटामिन की कमी होने पर शरीर लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन नहीं कर पाता, जिससे एनीमिया हो सकता है।
ये बीमारियां भी हो सकती हैं कारण
ठंड के प्रति असहिष्णुता के कई और भी कारण हो सकते हैं जिसपर सभी लोगों को गंभीरता से ध्यान देते रहने की आवश्यकता होती है।
एनोरेक्सिया- खाने से संबंधित इस विकार के कारण शरीर में वसा की कमी होने का जोखिम बढ़ जाता है।
हाइपोथायरायडिज्म- यह बीमारी तब होती है जब थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायराइड हार्मोन नहीं बना पाती है।
रक्त वाहिकाओं की समस्या- इस विकार (जैसे रेनॉड) के कारण शरीर के सभी अंगों तक रक्त का प्रवाह ठीक तरीके से नहीं हो पाता है।
हाइपोथैलेमस की समस्या- मस्तिष्क का यह हिस्सा शरीर के तापमान को नियंत्रित करने वाले हार्मोन का उत्पादन करता है।