विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट बुधवार को अन्नकूट पर्व पर विधिवत पूजा अर्चना के साथ 12:01 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इससे पहले आज सुबह 11 बजे केदारनाथ में कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बाबा केदार की भोग मूर्तियों को चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान किया गया।
इसके उपरांत विधि विधान से बाबा की डोली को मंदिर के सभामंडप में विराजमान किया गया है।श्रद्धालु आगामी छह माह तक मुखीमठ (मुखबा) में ही मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे। बुधवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तैयारी सुबह 9:बजे शुरू हुई।
सर्व प्रथम उदय बेला पर मां गंगा के मुकुट को उतारा गया। श्रद्धालुओं ने मां के भोग मूर्ति के दर्शन किए। इसके बाद अमृत बेला, स्वाती नक्षत्र प्रीतियोग शुभ लग्न पर ठीक 12:01 पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद किए गए।
गुरुवार को कपाट बंद होन के बाद छह माह बाबा केदार की पूजा ओंकारेश्वर मंदिर में होगी। भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बृहस्पतिवार को सुबह 8:30 बजे बंद किए जाएंगे।बाबा की चल उत्सव विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए प्रस्थान करते हुए रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी। 28 को डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में विश्राम करेगी और 29 को डोली ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी।