सोने के बर्तनों में पहले राजा महाराजा खाना खाया करते थे। सोने की क्रोकरी को रॉयल क्रोकरी भी कहा जाता है। हज़ारों साल पुराने आयुर्वेद के अनुसार भी सोने की धातु से बने बर्तनों में खाना खाने, पकाने और पीने के फायदों के बारे में बताया गया है।
बर्तनों में खाना पकाने व खाने से भी शरीर पर उसका असर पड़ता है. खास बात ये है कि इन धातुओं से बने बर्तनों में खाना पकने या खाना खाने से शरीर के भीतर जो भी दूषित तत्व होते हैं बाहर निकल जाते हैं.
जिससे शरीर का भीतरी संतुलन बेकार होता है. इसका प्रभाव शरीर पर लंबे समय बाद पड़ता है जिसके बाद आदमी कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाता है.
इन धातुओं से बने बर्तनों में जो तत्व होते हैं वे शरीर के भीतर माइक्रो न्यूट्रिएंटस के तौर पर शरीर के भीतर जाकर सकारात्मक प्रभाव करते हैं. जबकि मौजूदा समय में प्रयोग होने वाले स्टील व एलमुनियम के बर्तनों में खाना पकाने या खाने से वे घातु भी शरीर के भीतर जाते हैं