रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग से कानपुर के कारोबारियों की समस्याएं बढ़ गई हैं। रूस व यूक्रेन समेत कई देशों को अरबों रुपये का चमड़ा उत्पाद, मशीनरी, कृषि उपकरणों का शहर से निर्यात होता है। शहर से 400 करोड़ के चमड़ा उत्पादों का निर्यात होता है।
युद्ध शुरू होने के साथ ही गुरुवार को शेयर बाजार में भी भूचाल आ गया। निफ्टी करीब 782 अंक नीचे गिर गया। इसी तरह सेंसेक्स 2561.42 अंक गिर गया। भारतीय कंपनी सचिव संस्थान कानपुर चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष और निवेश मामलों के जानकार अंकुर श्रीवास्तव का कहना है कि अकेले शहर में ही करीब 50 हजार से ज्यादा निवेशकों के सात हजार करोड़ रुपये डूब गए। पिछले साल तीन नवंबर को दिवाली के दौरान केंद्र सरकार ने डीजल-पेट्रोल के भाव में 12-12 रुपये की राहत दी थी। इसके बाद से पेट्रोल के दाम 95 रुपये के करीब चल रहे हैं। तेल कंपनियों को आर्थिक भार से बचाने के लिए सरकार फिर से दी गई राहत में कटौती कर सकती है।
यूक्रेन, रूस में अधिक ठंड पड़ती है। इस वजह से शहर से बड़े पैमाने पर लेदर गारमेंट जैसे लांग कोट, जूते, जैकेट, ग्लब्स, कैप, लांग बूट यहां से निर्यात होता है। विदेशी खरीदारोें ने आर्डर निरस्त नहीं किए हैं। लेकिन युद्ध के कारण आर्डर फंस सकते हैं, इस वजह से कारोबारियों ने आर्डर होल्ड करा दिए हैं।