Friday, November 22, 2024 at 8:59 AM

बेल की मदद से आपको मिलेगा पेट के अल्सर, बवासीर से निजात

बील बहुत पुराना पारम्परिक औषधीय पेड़ है । लगभग 4000 सालों से इसे उपयोग में लाया जा रहा है। आयुर्वेद ने दशमूल जड़ीबूटी में इसे शामिल किया है। दशमूल दस ऐसी आयुर्वेदिक दवाओं का मिश्रण है जिनकी मदद से कई प्रकार की लाभकारी आयुर्वेदिक दवा बनाई जाती है जो विभिन्न रोगों को ठीक करती है।

बेल-मूल तथा पेड़ का छाल से बने क्वाथ से विभिन्न तरह के ज्वरों का उपचार किया जाता है. गूदे से बने शर्बत में जल में घुलनसील एंटी-ऑक्सीडेंट्स, फेनोलिक तत्व तथा एंटी-म्यूटाजेन्स पाए जाते हैं, आयुर्वेदिक चिकित्सा में बेल-मूलों से वात-कफ-पित्त से होने वाले दोषों तथा ज्वरों को सही किया जाता है.

बेल का फल अनेक प्रकार के रोगों की दवा है। ये कब्ज , अपच , पेट के अल्सर , बवासीर , साँस की तकलीफ , डायरिया आदि से मुक्ति दिलाता है। वायरल और बेक्टेरियल इन्फेक्शन को रोकता है। । कैंसर जैसे रोग से बचाता है। इनके अलावा भी कई रोगों में काम आता है।

उदर विकारों में बेल का फल रामवाण दवा के रूप में उपयोग किया जाता है. फल के नियमित सेवन से कब्ज जड़ से खत्म हो जाता है. बेल फल उदर की स्वच्छता के अतिरिक्त आंतों को साफ कर उन्हें ताकत भी देता है.

 

Check Also

क्या आपको भी बार-बार आती रहती है जम्हाई? कहीं ये किसी गंभीर बीमारी के कारण तो नहीं

काम करते-करते कई बार आपको भी जम्हाई या उबासी आती होगी। आमतौर पर इसे थकान …