चीन में सऊदी अरब और ईरान के अधिकारियों के बीच चली चार दिन की बातचीत के बाद दोनों ने कूटनीतिक रिश्ते बहाल करने की अप्रत्याशित घोषणा हुई.
2016 में इस घटना के बाद सऊदी अरब ने ईरान से अपने रिश्ते तोड़ लिए थे. इसके बाद से सुन्नी बहुल सऊदी अरब और शिया बहुल ईरान के बीच भारी तनाव रहा है. विद्रोहियों ने 2014 में सऊदी समर्थक सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था. इसके बाद सऊदी अरब ने हूती विद्रोहियों के ख़िलाफ़ भीषण हवाई हमले शुरू कर दिए थे.
सऊदी अरब जिन हमलों की बात करता रहा है उसमें सबसे गंभीर था 2019 में उसके बड़े तेल संयंत्रों पर ड्रोन और मिसाइलों से किया गया वार. इस हमले में इन तेल संयंत्रों को भारी नुक़सान हुआ था.