नई दिल्ली:  दिवंगत उद्योगपति संजय कपूर की पत्नी प्रिया सचदेव कपूर अब 30 हजार करोड़ रुपये के कारोबारी साम्राज्य को लेकर विवादों के केंद्र में हैं। संजय कपूर की मां रानी कपूर ने शुक्रवार को जब कंपनी की सालाना बैठक से पहले बोर्ड को एक पत्र लिखा तो सबका ध्यान प्रिया पर गया। रानी कपूर ने बताया कि सोना समूह के अधिकांश शेयरों में उनकी हिस्सेदारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बेटे की मौत के बाद उन्हें कुछ दस्तावेजों पर बिना जानकारी के हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने अपने पत्र में कुछ लोगों (संभवतः प्रिया) पर परिवार की ओर से झूठा प्रतिनिधित्व करने का आरोप लगाया।

प्रिया सचदेव कपूर कौन हैं?
प्रिया का जन्म दिल्ली के एक कारोबारी परिवार में हुआ। उनके पिता अशोक सचदेव एक ऑटोमोबाइल डीलर हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) से गणित और व्यापार प्रबंधन की पढ़ाई की और यूसीएलए में भी कुछ समय पढ़ाई की। शुरुआत में प्रिया ने मॉडलिंग से सुर्खियां बटोरीं। उन्होंने 2005 की बॉलीवुड फिल्म नील एन निक्की में एक छोटा सा रोल भी किया। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, वह इस समय सोना कॉमस्टार में गैर-कार्यकारी निदेशक हैं और कपूर परिवार की निवेश कंपनी ‘ऑरियस इंवेस्टमेंट’ की निदेशक हैं।

क्रेडिट सुइस फर्स्ट बॉस्टन से की पेशेवर करियर की शुरुआत
उन्होंने पेशेवर करियर की शुरुआत लंदन में क्रेडिट सुइस फर्स्ट बॉस्टन के मर्जर एंड एक्विजिशन डिवीजन से की। इसके बाद भारत लौटकर उन्होंने ऑटोमोबाइल रिटेल, इंश्योरेंस, फैशन और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में काम किया। बाद में उन्होंने टीएसजी इंटरनेशनल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी शुरू की और रॉक एन शॉप नाम के लग्जरी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की सह-संस्थापक रहीं। वह ऑरियस पोलो टीम की लीडर भी हैं, जिसे उनके पति संजय कपूर ने शुरू किया था।

अमेरिकी होटल कारोबारी से हुई थी पहली शादी
प्रिया की निजी जिंदगी भी सुर्खियों में रही है। उनकी पहली शादी अमेरिकी होटल कारोबारी विक्रम चटवाल से हुई थी। यह रिश्ता शुरुआत में अच्छा चल रहा था, लेकिन 2025 के मई महीने में एक इंटरव्यू में प्रिया ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान ही उन्हें इस रिश्ते की सच्चाई समझ आ गई थी। उन्होंने बताया कि 15 से 20 हफ्तों की गर्भावस्था के दौरान उन्हें अहसास हुआ कि यह रिश्ता वैसा नहीं है जैसा उन्होंने सोचा था। प्रिया के मुताबिक, उन्होंने अपनी होने वाले बच्चे की भलाई के लिए इस रिश्ते को बचाने की कोशिश की, लेकिन पांच साल बाद अलग होने का फैसला लिया। बच्चे की हिरासत को लेकर लंबा मुकदमा चला जिसके बाद 2011 में उनका तलाक हुआ और बेटी की हिरासत उन्हें मिली।