Friday, October 18, 2024 at 9:58 AM

कहां गया 18 महीने के DA का एरियर, एक करोड़ कर्मियों व पेंशनरों को झटका, क्या है 34,402.32 करोड़ रु. का राज

केंद्र सरकार में एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों के डीए/डीआर में तीन फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। महंगाई भत्ते की दर अब 53 प्रतिशत हो गई है। हालांकि सरकार ने कोरोनाकाल के दौरान रोके गए 18 फीसदी ‘डीए’ के एरियर को लेकर कोई बात नहीं कही। कैबिनेट बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया, अभी डीए/डीआर की दरों में तीन प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

पिछले साल राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड की बैठक में अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार ने यह मुद्दा उठाया था। स्टाफ साइड का प्रतिनिधित्व करते हुए श्रीकुमार ने डीओपीटी के सचिव (पी) से आग्रह किया था कि 18 माह के ‘डीए’ का एरियर, कर्मियों का हक है। कर्मियों व पेंशनरों को डीए/डीआर का एरियर जारी किया जाए। कोरोनाकाल में केंद्र सरकार ने कर्मचारियों का उक्त भुगतान रोक कर 34,402.32 करोड़ रुपये बचा लिए थे। ‘भारत पेंशनर समाज’ के महासचिव एससी महेश्वरी और कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने भी सरकार से कोरोनाकाल के दौरान रोके गए 18 माह के ‘डीए’ का एरियर जारी करने की मांग की थी।

वित्त मंत्रालय को दिया गया था प्रतिवेदन
डीए के एरियर का मुद्दा पहले भी कई बार उठाया जा चुका है। ‘नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्सन’ (एनजेसीए) के वरिष्ठ सदस्य एवं अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी.श्रीकुमार ने बताया, कर्मियों के हितों से जुड़े मुद्दे, जिसमें पुरानी पेंशन बहाली सहित कई दूसरी मांगें शामिल हैं, लगातार उठाए जा रहे हैं।

इन सबके साथ ही कोरोनाकाल में रोके गए 18 महीने के डीए/डीआर के भुगतान की लड़ाई भी जारी है। कैबिनेट सचिव को ‘स्टाफ साइड’ की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) द्वारा 18 माह के डीए एरियर के भुगतान के लिए पहले ही लिखा जा चुका है। इस बाबत वित्त मंत्रालय को भी प्रतिवेदन दिया गया है। केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला भी दिया है।

Check Also

‘जाकिर नाइक जैसा भगोड़ा FIR जोड़ने की मांग कैसे कर सकता है’, शीर्ष कोर्ट में केंद्र की दलील

नई दिल्ली:केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, कर्नाटक और अन्य जगहों पर नफरत फैलाने वाले भाषणों से …