मानसून शुरू होने के साथ ही आद्र्रता और उमस तेजी से बढ़ने लगी है, जिससे कोरोना के बचाव के लिए लगाया जा रहा मास्क अधिक देर तक पहनना मुश्किल होता है। फिर भी र्सिजकल मास्क या तीन लेयर वाले कपड़े का मास्क पहनना ही सुरक्षा की दृष्टि से सही उपाय है। बारिश के कारण बीमारियों का संक्रमण तेज होता है, इसलिए हमें उन छोटी-छोटी आदतों के प्रति संवेदनशील रहना होगा, जो सेहत के लिए बड़ी समस्याएं खड़ी कर सकती हैं।
पेड़ पौधों वाली और अंधेरी जगहों पर मच्छर ज्यादा होते हैं. ऐसे में शाम के समय इनके पार्क आदि जगहों पर होने की ज्यादा संभावना होती है. इसलिए शाम के समय इन जगहों पर जाने से बचें. साथ ही फुल पैंट और पूरी आस्तीन वाले कपड़े पहनें. शरीर पूरी तरह ढका रहने की वजह से मच्छरों के काटने से आप बच सकेंगे.
डेंगू व चिकनगुनिया मच्छर के काटने से फैलते हैं, जबकि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के खांसने व छींकने पर निकलने वाले ड्रॉपलेट से फैलता है। अब तो डब्ल्यूएचओ ने इस बीमारी का संक्रमण हवा में होने की बात भी स्वीकारी है। ऐसे में यह जरूरी नहीं है कि यदि कोरोना संक्रमण के कारण अस्पताल में कोई मरीज भर्ती है तो उसे डेंगू, चिकनगुनिया या मलेरिया नहीं होगा।
मच्छरों से बचाव के लिए घर के दरवाजों और खिड़कियों में लोहे की जाली जरूर लगवाएं. घर बनवाते समय इसका पूरा ध्यान रखें. इससे मच्छर घर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे और घर में हवा भी आती रहेगी.
घर की साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें. मच्छर हमेशा घर की अंधेरी जगहों और कोनों में छिपे रहते हैं. इनको खत्म करने के लिए इन जगहों पर मच्छर मारने वाले स्प्रे डालते रहें. ताकि ये पनप न सकें. वहीं नीम के सूखे पत्तों को जलाकर मच्छरों के आतंक को कम किया जा सकता है.