इस बात से कोई इंकार नहीं करेगा कि अब हमारे समाज में भी अवसाद यानी डिप्रेशन को एक गंभीर बीमारी के रूप में देखा जाने लगा है और ये बदलाव सराहनीय है। पिछले कई सालों तक डिप्रेशन से घिरे इंसान को कमज़ोर माना जाता था। लेकिन अब इसके प्रति जागरुकता बढ़ी है और अब इसे एक गंभीर मानसिक स्वास्थ की तरह देखा जाता है, जिसे उचित इलाज की ज़रूरत होती है
अवसाद के कुछ ही लक्षण होते हैं, लेकिन लक्षणों की गंभीरता एक व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करती है। हम आपको बता रहे हैं ऐसे तीन लक्षणों के बारे में जिनसे पता लगाया जा सकता है कि कहीं आप भी डिप्रेशन में तो नहीं!
कुछ लोगों के लिए सामाजिक सपोर्ट सिस्टम तैयार करने का मतलब दोस्तों या परिवार के साथ मजबूत संबंध बनाना हो सकता है. आप अपने प्रियजनों को अपने डिप्रेशन को ठीक करने की दिशा में मदद में ला सकते हैं.
डाइट और मेंटल हेल्थ के बीच संबंध खोजने के लिए शोध अभी भी जारी है. अब तक ऐसे कई स्टडीज हुए हैं, जिनमें पोषण में सुधार की बात कही गई है. इसके चलते मानसिक बीमारी को रोका जा सकता है और इसका इलाज भी किया जा सकता है. कई ब्रेन एसेंशियल न्यूट्रिएंट्स ऐसे हैं जो डिप्रेशन को प्रभावित कर सकते हैं.
कुछ के लिए ये एक डिप्रेशन सपोर्ट ग्रुप के रूप में हो सकती है. इसमें एक समुदाय समूह शामिल हो सकता है जो आपके इलाके में ही मौजूद हो या आपको एक ऑनलाइन सपोर्ट ग्रुप भी मिल सकता है.