Monday, May 20, 2024 at 5:07 PM

अस्थमा, काली खांसी, ब्रोंकाइटिस जैसी समस्या से निजात पाने के लिए आजमाएं ये उपाए

हमारी रसोई में प्रयोग होने वाले मसालों में काले जीरे का भी अपना खास जगह है. इसमें अनेक औषधीय गुण भी हैं, जो इसके महत्व को  बढ़ा देते हैं. रसोई में प्रयोग होने वाले मसालों में काला जीरा भी प्रमुखता से शामिल है.

जो घर में प्रयोग किए जाने वाले जीरा का ही एक रूप है. लेकिन यह स्वाद में थोड़ी कड़वाहट लिए होता है  सदियों से हर्बल औषधि के रूप में छोटी-मोटी बीमारियों के उपचार में इसका प्रयोग किया जाता रहा है.

इम्यून विकार करे दूर
यह हमारे शरीर में उपस्थित इम्यून सेल्स को स्वस्थ सेल्स में बदल कर ऑटोइम्यून विकारों को दूर करने में सहायक है. काला जीरा हमारे शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने में बोन मैरो, नेचुरल इंटरफेरॉन  रोग-प्रतिरोधक सेल्स की मदद करता है.

पेट की तकलीफ करे दूर 
अपने एंटीमाइक्रोबियल गुणों के कारण काला जीरा पेट संबंधी कई समस्याओं में फायदेमंद है. पाचन संबंधी गड़बड़ी, गैस्ट्रिक, पेट फूलना, पेट-दर्द, दस्त, पेट में कीड़े होना आदि समस्याओं में यह बहुत ज्यादा राहत देता है.

सर्दी-जुकाम में फायदेमंद
जुकाम, कफ, नाक बंद होने या श्वास नली में तकलीफ होने जैसी सर्दी-जुकाम की समस्या में काले जीरे का सेवन बहुत ज्यादा लाभकारी साबित होता है. यह शरीर से बलगम निकालने में मदद करता है. अस्थमा, काली खांसी, ब्रोंकाइटिस, एलर्जी से होने वाली सांस की बीमारियों में भी यह लाभकारी है.

करे एंटीसेप्टिक का काम
काले जीरे के पाउडर का लेप लगाने से हर तरह के घाव, फोड़े-फुंसियां सरलता से भर जाते हैं. एंटी बैक्टीरियल गुणों के कारण यह संक्रमण फैलने से रोकता है. किसी भी समस्या में इसका सेवन विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही करना चाहिए.

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