डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसके मामले हर उम्र के लोगों में देखे जा रहे हैं। ब्लड शुगर बढ़े रहने की ये बीमारी शरीर के विभिन्न अंगों को क्षति पहुंचाने वाली हो सकती है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ कम उम्र से ही सभी लोगों को शुगर को कंट्रोल में रखने की सलाह देते हैं।

जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को, विशेषकर माता-पिता को डायबिटीज की दिक्कत रही हो उनमें इस बीमारी का खतरा और भी अधिक हो सकता है। ऐसे लोगों को नियमित रूप से शुगर का टेस्ट कराते रहने, लाइफस्टाइल को ठीक रखने और आहार में सुधार करने की सलाह दी जाती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इन सबके अलावा डायबिटीज के कुछ और भी लक्षण हैं जिनपर भी गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए। आइए जानते हैं कि आप कैसे पता कर सकते हैं कि कहीं आप भी तो डायबिटी का शिकार नहीं हो गए हैं?

डायबिटीज की शुरुआती चरणों में क्या पहचान है?

डॉक्टर बताते हैं कि डायबिटीज के शुरुआती चरणों या प्री-डायबिटीज में कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं, जो संकेत देते हैं कि आपका ब्लड शुगर स्तर सामान्य से अधिक है, लेकिन अभी डायबिटीज की पुष्टि नहीं हुई है। इन लक्षणों को पहचानना और समय पर डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

डायबिटीज की अगर जल्दी पहचान करके इसका इलाज शुरू कर दिया जाए तो इसके गंभीर खतरों से बचाव किया जा सकता है।

बार-बार प्यास लगना या पेशाब आना अच्छा संकेत नहीं

यदि आपको लगातार और अत्यधिक प्यास महसूस होती है, तो यह ब्लड शुगर स्तर में वृद्धि का संकेत हो सकता है। अत्यधिक प्यास लगने को मेडिकल की भाषा में पॉलीडिप्सिया की समस्या के नाम से जाना जाता है। हाई शुगर के कारण आपकी किडनी को शरीर से अतिरिक्त शर्करा को छानने और बाहर निकालने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे ऊतकों से तरल पदार्थ बाहर निकल जाता है और डिहाइड्रेशन हो सकता है, इसके कारण प्यास अधिक लगती है।