रात को सोते समय खर्राटे लेने को लोग एक आम बात मानते हैं, लेकिन अगर आपके बच्चे को ये परेशानी है. परेशानी 40 साल से अधिक उम्र वालों में देखी जाती है, लेकिन आजकल बच्चे में इसका शिकार हो रहे हैं. ऐसे में अगर आपके बच्चे को ये समस्या है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
डॉक्टरों के मुताबिक, बच्चों में खर्राटे की परेशानी होने के मामले कम आते हैं, 3 से 10 फीसदी बच्चों में ये लक्षण देखे जाते हैं. खर्राटे के कारण सांस लेने में परेशानी हो सकती है. इससे बच्चों की नींद का पैटर्न खराब हो जाता है.
ओएसए की वजह से बच्चों की हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है. इससे उनका शारीरिक विकास थम सकता है. इलाज न कराने से बच्चों के व्यवहार में भी बदलाव आ सकता है. उनके किसी काम को करने और सीखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है. इसके अलावा हार्ट डिजीज, हाइपरटेंशन और टाइप-2 डायबिटीज तक हो सकती है.