Sunday, November 24, 2024 at 5:47 PM

‘मदरसों के वजूद के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक’, बरेली उलमा ने जताई खुशी

बरेली:ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से मदरसों के वजूद को खतरा हो गया था। यूपी मदरसा बोर्ड एक्ट को गैर संवैधानिक बताया गया था। मगर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मदरसों के वजूद और शिक्षा के गुणवत्ता के बढ़ावे के लिए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इससे लाखों छात्र-छात्राओं और हजारों शिक्षकों को बड़ी खुशी हुई है। मुस्लिम जमात इस फैसले का स्वागत करती है। हमें सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ पर आधारित फैसले की उम्मीद भी थी।

सलमान मियां ने किया फैसले का स्वागत
जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष सलमान हसन खान (सलमान मियां) ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि चीफ जस्टिस व बेंच के सभी जजों ने शिक्षा के महत्व को समझा व उसके अधिकार को जानते हुए जिस तरह से यह फैसला लिया गया, उससे अल्पसंखयकों में कानून के प्रति विश्वास बढ़ेगा और शिक्षा पर अधिक जोर दिया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया यह फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड एक्ट 2004 को संवैधानिक करार दिया। कहा कि इस कानून के तहत मदरसों को रेगुलेट करना सरकार का अधिकार माना है। यूपी के 16000 से अधिक मदरसों में पढ़ने वाले 17 लाख छात्रों को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राहत मिली है। बरेली मरकज़ के उलमा ने इस फैसले पर ख़ुशी ज़ाहिर की है। बता दें कि इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 22 मार्च को यूपी मदरसा बोर्ड एक्ट को असंवैधानिक बताते हुए सभी छात्रों का दाखिला सामान्य स्कूलों में करवाने का आदेश दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पांच अप्रैल को हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी।

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