बरेली:  लखनऊ-दिल्ली के बीच चलने वाली 12230 लखनऊ मेल के डी-4 कोच में मंगलवार रात हादसा होते-होते बचा। ट्रेन के कोच का चक्का जाम होने के कारण चिंगारी निकली। कोच में बैठे यात्रियों ने चिंगारी देखी। इसके बाद कोच में धुआं भरने लगा। इससे यात्रियों में हड़कंप मच गया। बरेली जंक्शन पर ट्रेन को रोककर खराबी को दूर किया गया। सभी कोचों की जांच के लिए प्रारंभिक रखरखाव डिपो को लिखा गया है।

लखनऊ मेल दिल्ली से रात 10 बजे चलने के बाद 2:37 बजे बरेली जंक्शन आती है। मंगलवा-बुधवार की दरम्यानी रात 2:15 बजे यह गाड़ी रामपुर-बरेली के बीच थी। डी-4 कोच में सवार यात्री विष्णु गिरधर ने बताया कि इस दौरान यात्रियों ने देखा कि ट्रेन के चक्के से चिंगारी निकल रही हैं, जो कोच के अंदर तक आ रही हैं। कुछ ही देर में कोच में धुआं आने लगा। इसकी शिकायत दर्ज कराई गई। ट्रेन एक घंटे की देरी से 3:35 बजे जंक्शन पहुंची। यहां ट्रेन परीक्षक की टीम पहले से तैयार थी। प्लेटफार्म नंबर एक पर ट्रेन को ठहराव देकर चक्के में आई खराबी को दूर किया गया। इसके बाद 4:07 बजे ट्रेन को बरेली से लखनऊ की ओर रवाना कर दिया गया।

लखनऊ मेल के डी-4 कोच के पहिये का चक्का जाम और चिंगारी निकलने संबंधी रिपोर्ट रखरखाव डिपो भेज दी गई है। वहां अब ट्रेन के सभी कोचों की जांच की जाएगी। स्टेशन अधीक्षक भानु प्रताप सिंह ने बताया कि चक्के में कुछ तकनीकी खराबी आई थी। उसे दूर करने के बाद गाड़ी को आगे रवाना कर दिया गया। इस दौरान करीब 32 मिनट तक ट्रेन जंक्शन पर खड़ी रही।

आईएसओ प्रमाणन प्राप्त है 100 साल पुरानी लखनऊ मेल
12229/30 लखनऊ मेल के संचालन को 100 साल हो चुके हैं। इस दौरान चार बार इस गाड़ी का नंबर बदला जा चुका है। 2005 में लखनऊ मेल का संचालन एलएचबी कोच की रैक से शुरू करने के साथ इसको सुपरफास्ट का दर्जा दिया गया। यह गाड़ी गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली अंतरराष्ट्रीय मानकों पर दिया जाने वाले आईएसओ 9000 प्रमाणन प्राप्त है। वीआईपी श्रेणी में आने वाली यह गाड़ी लखनऊ-दिल्ली के बीच 492 किमी की यात्रा आठ घंटे 45 मिनट में पूरी करती है।