Saturday, July 27, 2024 at 9:30 AM

एनएमसी की तरह बनेगा राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग, स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुरू की प्रक्रिया

देश में जल्द ही एमबीबीएस की तरह दंत चिकित्सा शिक्षा के स्वरूप में बदलाव देखने को मिलेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग (एनडीसी) के गठन की प्रक्रिया शुरू की है जो मेडिकल कॉलेजों के लिए गठित राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की तरह कार्य करेगा।

मंत्रालय की ओर से जारी नियुक्ति आदेश में कहा गया है कि एनडीसी के अधीन तीन अलग-अलग बोर्ड होंगे जो दंत चिकित्सा कॉलेजों को मान्यता देने, शिक्षा में सुधार, मूल्यांकन और रेटिंग के साथ-साथ बीडीएस और एमडीएस के छात्रों के लिए पारदर्शी प्रणाली विकसित करने का कार्य करेंगे। अगले एक महीने में मंत्रालय ने राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग को गठित करने का निर्णय लिया है जो इसी शैक्षणिक सत्र 2024-25 से अपना कार्य शुरू करेगा। इसका हिस्सा बनने के लिए मंत्रालय ने ऐसे विशेषज्ञों को भी अवसर दिया है जिन्होंने ग्रामीण या फिर दुर्गम क्षेत्रों में मरीजों की सेवा की है।

राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग के तहत स्नातक और स्नातकोत्तर दंत चिकित्सा शिक्षा बोर्ड, दंत चिकित्सा मूल्यांकन व रेटिंग बोर्ड और दंत चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड होंगे। देश में पहला डेंटल कॉलेज 1920 में कलकत्ता में खुला था। तब से लेकर अब तक देश में करीब 300 से ज्यादा डेंटल कॉलेज हैं जो हर साल 25 हजार से अधिक दंत चिकित्सक तैयार कर रहे हैं।

लाइसेंस, नए कॉलेज की स्थापना, फीस तक में बदलाव
गठन के बाद एनडीसी सबसे पहले प्रैक्टिस लाइसेंस, नए कॉलेजों की स्थापना और बीडीएस व एमडीएस कोर्स की फीस तय करेगा। इसके साथ ही एमबीबीएस की तरह बीडीएस को भी नेक्स्ट परीक्षा के दायरे में लाया जाएगा, जिसे उत्तीर्ण करने के बाद ही दंत चिकित्सा करने का लाइसेंस दिया जा सकता है।

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