गर्मियां आते ही मच्छरों का आतंक भी बढ़ जाता है. हम चाहे जितना मर्जी इनसे बचने की कोशिश कर लें लेकिन ये काट-काट हमारा जीना मुहाल कर देते हैं.
इनसे बचने के लिए हम कॉइल का इस्तेमाल करते हैं. इनके इस्तेमाल से हम मच्छरों से तो बच जाते हैं, लेकिन ये हमारी हेल्थ के लिए बेहद खतरनाक है. मच्छरों से बचाने वाली कॉइल से हम क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (COPD) का शिकार तक हो सकते हैं.
साल 2019 में इससे 3.23 मिलियन लोगों की मौतें हुई हैं. यही नहीं, 70 साल से कम उम्र के लोगों में सीओपीडी से होने वाली लगभग 90 फीसदी मौतें लो और मिडल इनकम वाले देशों में होती है.
ज्यादातर मामलों में सीओपीडी स्मोकिंग करने वालों लोगों में होता है. लेकिन ग्रामीण इलाकों की महिलाएं भी इस बीमारी से पीड़ित हैं. गांव में महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाती हैं और चूल्हे का धुआं इस खतरनाक फेफड़ों की बीमारी का कारण बनता है.
मच्छरों को दूर भगाने वाली कॉइल भी इस बीमारी का बड़ा कारण है. इससे भी दिलचस्प बात तो ये है कि कोई भी चीज जो आपके कमरे में धुआं कर रही हो, इस बीमारी कारण हो सकती है. सीओपीडी के कारण लंग्स कैंसर, फेफड़ों में इंफेक्शन जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है.