Thursday, November 21, 2024 at 6:53 PM

इस रोग में शरीर में ही बनने लगता है अल्कोहल, लक्षण ऐसे जैसे हो शराब का नशा

अल्कोहल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। इससे मेटाबॉलिज्म से लेकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। पर क्या हो अगर किसी के शरीर में खुद से ही अल्कोहल बनने लग जाए? हाल ही में बेल्जियम में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें व्यक्ति में दुर्लभ ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम (एबीएस) का निदान किया है। इस विकार के कारण शरीर शुगर और स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों को अल्कोहल में बदलने लगता है। इससे ऐसे लक्षण पैदा हो सकते हैं जैसे कि आप नशे में हों, भले ही आपने शराब न पी हो। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले पुलिस ने इस व्यक्ति को ड्रिंक एंड ड्राइव केस में गिरफ्तार किया। हालांकि वकील ने कोर्ट में बताया कि उसे एबीएस की समस्या है जिस कारण से उसमें नशे जैसे लक्षण दिख रहे थे। ये मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ है।

आइए जानते हैं कि ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम क्या होता है और इसके लिए कौन से कारण जिम्मेदार हैं?

ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम के बारे में जानिए

मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम एक दुर्लभ स्थिति है। इसे कभी-कभी “ड्रंकनेस डिजीज” के रूप में भी जाना जाता है। यह दुर्लभ स्थिति आपको बिना शराब पिए नशे में धुत्त बना देती है। ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम का निदान करना अक्सर मुश्किल हो सकता है। पिछले कई दशकों में इस सिंड्रोम के केवल कुछ ही मामले सामने आए हैं। जिन लोगों को पहले से ही ये समस्या है और अगर वो थोड़ी मात्रा में भी शराब पी लेते हैं तो इसके लक्षण कहीं ज्यादा गंभीर हो सकते हैं।

क्या है इस सिंड्रोम का कारण?

ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम में आपका शरीर, कार्बोहाइड्रेट से अल्कोहल (इथेनॉल) बनाने लगता है। यह आंतों के अंदर होता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आंत में बहुत अधिक यीस्ट होने के कारण इस विकार का खतरा हो सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया वयस्कों या बच्चों, किसी में भी ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम की समस्या हो सकती है। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि कुछ लोग जन्मजात ऐसी समस्याओं के साथ पैदा होते हैं जो इस सिंड्रोम को ट्रिगर करती है। वयस्कों में आंत में बहुत अधिक यीस्ट के कारण क्रोहन डिजीज हो सकता है जिसके कारण भी ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम की समस्या ट्रिगर हो सकती है।

क्या है इस समस्या की पहचान?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुछ प्रकार के लक्षणों की मदद से ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम का पता किया जा सकता है हालांकि अक्सर इन रोगियों में ऐसा लगता है कि उन्होंने शराब पी हुई है इसलिए लक्षणों के आधार पर इसका सही निदान करना कठिन हो सकता है।आमतौर इसमें नशे की तरह लक्षण दिखने के साथ-साथ चक्कर आना, सिरदर्द, उल्टी-निर्जलीकरण, थकान, याददाश्त-एकाग्रता की कमी और मनोदशा में बदलाव महसूस हो सकती है।

क्या है इसका इलाज?

विशेषज्ञों का कहना है कि ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम का पता लगाने के लिए कोई विशिष्ट टेस्ट नहीं है। इसके निदान के लिए डॉक्टर आंतों में ईस्ट की जांच की भी सलाह दे सकते हैं। जिन लोगों में इस सिंड्रोम का निदान किया जाता है उन्हें कोर्बोहाइड्रेट वाले ड्रिंक्स से परहेज करने की सलाह दी जाती है। कुछ प्रकार के एंटीफंगल दवाओं की मदद से भी बीमारी के लक्षणों को सुधारने में मदद मिल सकती है।

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