ऑनलाइन के इस दौर में आज कल बड़ों के साथ साथ बच्चों की लाइफस्टाइल भी ख़राब होती जा रही है. आज कल छोटे बच्चे बचपन से ही मोबाइल से चिपके रहते हैं. जिसके चलते बच्चों की आखें वीक, सर दर्द, कमर दर्द, अनियमित खान पान की आदत हो जाती है.
वहीं कोरोना काल ने बच्चों की फिजिकल एक्टीविटीज पर भी रोक लगा दी है. जिसके कारण ज्यादातर बच्चों में पीठ दर्द (Back Pain) की समस्या भी देखने को मिलती है. आपका बच्चा स्कूल जाता है तो क्या कभी अपने सोचा है.
पीठ दर्द के कारण
बता दें कि बच्चों की पीठ की हड्डी काफी नुजक होती है. ऐसे में पीठ दर्द उठने के कई कारण हो सकते हैं. हालांकि, ज्यादातर कई घंटों तक फोन, लैपटॉप या फिर टीवी के आगे गलत पॉश्चर में बैठने के कारण न सिर्फ पीठ में बल्कि गर्दन, कंधे पैर में भी दर्द होने की आशंका बढ़ जाती है.
पीठ दर्द के लक्षण
अक्सर पीठ में दर्द के कारण सूजन, झनझनाहट, सिहरन होना, टॉयलेट कंट्रोल न होना, गर्दन पैर में दर्द के साथ-साथ बुखार इंफेक्शन भी देखने को मिलने लगता है. इसके अलावा कई बार गलत पोजीशन में सोने के कारण भी पीठ दर्द होने लगता है.
बच्चों को पीठ में दर्द की समस्या से बचाने के लिए दो महत्वपूर्ण चीजों को उनकी डेली रूटीन का पार्ट बनाना जरूरी होता है. पहला एक्सरसाइज या फिर योगा दूसरा हेल्दी डाइट. ध्यान रहे कि अपने बच्चों की हेल्दी डाइट में पनीर, हरी सब्जियां, दही, शामिल करना न भूलें.