भारत की दूसरी बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस को 32,403 करोड़ की जीएसटी मामले में बड़ी राहत मिली है। जीएसटी इंटेलिजेंस के महानिदेशक (डीजीजीआई) ने वित्तीय वर्ष 2018 से 2022 तक के लिए इंफोसिस के खिलाफ कारण बताओ नोटिस की कार्यवाही बंद कर दी है। कंपनी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। कंपनी ने कहा कि यह मामला बंद हो गया है।
क्या था इंफोसिस से जुड़ा मामला?
पिछले साल जुलाई में जीएसटी अधिकारियों ने कंपनी को 32,403 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा था। आरोप था कि कंपनी ने अपनी विदेशी शाखाओं से से प्राप्त सेवाओं पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत इंटीग्रेटेड जीएसटी (आईजीएसटी) का भुगतान नहीं किया। जीएसटी के तहत रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म एक ऐसा सिस्टम है, जहां सप्लायर के बाजाय सामान या सर्विसेज हासिल करने वाले को टैक्स देना पड़ा देता है।
कंपनी ने कहा इन सेवाओं पर लागू नहीं होता आईजीएसटी
कंपनी ने इस नोटिस का जवाब देते हुए कहा था कि विदेशी शाखाओं से प्राप्त सेवाएं इंपोर्ट ऑफ सर्विसेज की श्रेणी में नहीं आती है इस पर आईजीएसटी लागू नहीं होता। कंपनी ने बताया कि अगस्त 2024 में, डीजीजीआई ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए प्री-शो कॉज नोटिस की कार्यवाही को बंद कर दिया था। अब, जून 2025 में, शेष सालों के लिए भी कार्यवाही को बंद कर दिया गया है। 6 जून शुक्रवार को इंफोसिस का शेयर बीएसई पर 0.62 प्रतिशत बढ़त के साथ 1564.05 रुपये पर बंद हुआ था। कंपनी की मार्केट पूंजी 6.94 लाख करोड़ रुपये है।