जिंदगी में कुछ ऐसी घटनाएं घटती हैं जिनका असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. इसके चलते हमारे अंदर नकारात्मकता का रुजहान पनपने लगता है. आदमी चारों तरफ लोगों से घिरा होने के बावजूद खुद को अकेला, निराश महसूस पाता है.
मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करनेवाले कारणों में कुछ तो हमारे घरेलू होते हैं और कुछ कामकाज से संबंधित.स्टडी के अनुसार, जब व्यक्ति तनाव में होता है तो वह दर्द के प्रति उसकी सहनशीलता कम हो जाती है। पुराना दर्द इन समय के दौरान बढ़ जाता है ऐसा कोर्टिसोल हार्मोन की उथल-पुथल के चलते होता है।
रोजमर्रा के छोटे-छोटे काम में दिक्कत आने लगती हैं क्योंकि तनाव आपके दिमाग पर असर करता हैं तो आपको हर छोटे-बड़े काम में दिक्कत आती है।तनाव में मीठी चीजें सबसे ज्यादा आकर्षक लगती है। हाई फैट और हाई शुगर फुड्स खाने की क्रेविंग होती है। तनाव में बॉडी को ज्यादा कैलोरी की जरूरत होती हैं क्योंकि यह खाने या ना खाने पर यह आपको अगले भोजन तक एक्टिव रखने में रखने में मदद करता है।
ऊपर बताए गए लक्षणों में से अगर कुछ आपके अंदर पाए जाते हैं तो फौरन मनोचिकित्सक से सलाह लें. देर होने से भला है आप किसी सलाहकार से संवाद करें. मनोचिकित्सक के बताए सुझावों पर अमल कर बहुत हद तक कुंठा से दूर रहा जा सकता है.