बंगलूरू: कर्नाटक में भाजपा एमएलसी सीटी रवि और बाल कल्याण मंत्री लक्ष्मी हेब्बलकर के बीच लगातार विवाद बना हुआ है। बढ़ते मामले को देखते हुए राज्य गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बड़ा फैसला लिया। उन्होंने मामले की जांच आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) से कराने के आदेश दिए हैं। बता दें, मंत्री हेब्बलकर ने भाजपा नेता पर विधानसभा परिषद में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। हालांकि, विधान परिषद के अध्यक्ष बसवराज होरट्टी ने सोमवार को साफ कह दिया कि वायरल की जा रही बातचीत फर्जी है।
अधिकारियों के अनुसार, 19 दिसंबर को सुवर्ण विधान सौधा में रवि पर हमला करने की कोशिश के लिए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज एक मामला भी सीआईडी को सौंप दिया गया है।
यह है मामला
लक्ष्मी हेब्बलकर ने भाजपा नेता सीटी रवि पर अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि जब होरट्टी ने सदन को थोड़ी देर के लिए स्थगित किया था, उसके कुछ ही समय बाद रवि ने अपमानजनक बात कही थी। मंत्री के आरोप के बाद बेलगावी में सुवर्णा विधान सौधा परिसर में रवि को गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि, कर्नाटक हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी, यह कहते हुए कि गिरफ्तारी नियमों के अनुसार नहीं की गई थी।
क्या बोले गृह मंत्री?
परमेश्वर ने कहा, ‘मैं इस पर ज्यादा कुछ बोलना नहीं चाहता हूं। मैंने सीआईडी जांच का आदेश दिया है। ऐसे में जब जांच चल रही है, तो कोई इस बारे में टिप्पणी नहीं कर सकता या बयान नहीं दे सकता।’
विधान परिषद के सभापति बसवराज होरट्टी द्वारा इसे ‘बंद अध्याय’ करार दिए जाने के बाद सीआईडी जांच के आदेश पर उन्होंने कहा कि पुलिस को अपना कर्तव्य निभाना होगा। सभापति अपना कर्तव्य निभाएंगे। रवि पर हमले के कथित प्रयास में एफआईआर दर्ज करने में पांच दिन की देरी के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘सब कुछ विचार करने और परिषद के सभापति की राय लेने के बाद, जब प्रक्रियागत तरीके से काम किया जाता है, तो देरी हो सकती है।’
उन्होंने कहा, ‘हर चीज सही तरीके से होनी चाहिए, इसलिए हमने तथ्यों का पता लगाने और जांच करने के लिए इसे सीआईडी को सौंपा है। रवि ने कहा है कि उन्होंने अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है, लेकिन गवाहों सहित अन्य लोग कुछ और कहते हैं, इस सबकी जांच होनी चाहिए, इसलिए मैंने सीआईडी जांच का आदेश दिया है।’