ताजमहल विवाद दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा हैं, ताजमहल में बने 22 कमरों को खोलने की मांग को लेकर हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. इस याचिकाकर्ता का दावा है कि बरसों से बंद पड़े इन कमरों में हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां और कई शिलालेख मौजूद हैं.
लखनऊ खंडपीठ में खारिज होने के बाद राष्ट्रीय हिंदू परिषद ने कहा है कि अभी सुप्रीम कोर्ट का रास्ता खुला है।राष्ट्रीय हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद पाराशर ताज के पार्श्व में दशहरा घाट पहुंचे। उन्होंने कहा कि याचिका खारिज होने का दुख है, लेकिन यह लड़ाई खत्म नहीं होगी। अभी सुप्रीम कोर्ट का रास्ता खुला हुआ है।
इसके बाद ताजमहल के इन 22 कमरों को लेकर रहस्य गहरा गया है और इनकी चर्चा होने लगी है. आगरा के इतिहासकार राजकिशोर शर्मा राजे की मानें तो ये कमरे मुख्य मकबरे और चमेली फर्श के नीचे बने हैं. ये कमरे कई दशकों से बंद हैं. इनका 1934 में सिर्फ एक बार निरीक्षण किया गया था.