कुछ देर बैठे रहने या सो कर उठते ही क्या आपको भी अक्सर चक्कर आने, आंखों के सामने अंधेरा छा जाने या बेहोशी जैसी समस्या होने लगती है? कुछ स्थितियों में इसे कमजोरी के कारण होने वाली दिक्कत मानी जाती है पर अगर आपको बार-बार ये समस्या बनी रहती है तो सावधान हो जाइए, ये गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी संकेत हो सकता है। मेडिकल में इसे पोस्टुरल ऑर्थोस्टैटिक टैचीकार्डिया सिंड्रोम (पीओटीएस) नामक समस्या के रूप में जाना जाता है। पीओटीएस, एक ऐसा विकार है जिसमें जब हम खड़े होते हैं तो शरीर का अधिकांश रक्त आपके निचले शरीर में रह जाता है। पूरे शरीर में रक्त के संचार को बढ़ाने के लिए हृदय गति बढ़ जाती है, जिसके कारण इस तरह की दिक्कतें हो सकती हैं।
हमारे पूरे शरीर में रक्त का संचार निरंतर होता रहता है, चाहे आप बैठे हों, खड़े हों या लेटे हों। हालांकि जिन लोगों को पीओटीएस की समस्या होती है उनमें खड़े होने पर शरीर के ऊपरी हिस्से में रक्त नहीं पहुंच पाता है। ये स्थिति गंभीर समस्याकारक भी हो सकती है। आइए जानते हैं कि पीओटीएस क्यों होती है और इसके क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं?
ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम की समस्या
जॉन्स हॉप्किंस के विशेषज्ञ कहते हैं, आमतौर हमारे शरीर का ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम हृदय गति और रक्तचाप को संतुलित बनाए रखता है जिससे कि शरीर के सभी हिस्सों में रक्त का संचार ठीक तरीके से होता रह सके। पीओटीएस की समस्या वाले लोगों में रक्त संचार का संतुलन ठीक तरीके से नहीं हो पाता है। इसका मतलब है कि आपका शरीर रक्तचाप को स्थिर नहीं रख पाता है। इस कारण से जब भी आप खड़े होते हैं तो शरीर का ज्यादातर रक्त निचले हिस्सों में ही रह जाता है और ऊपरी हिस्से में रक्त की कमी हो जाती है।
क्यों होती है इस तरह की दिक्कत?
हर व्यक्ति में पीओटीएस के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि यह एक ऑटोइम्यून विकार है। जब आपको कोई ऑटोइम्यून विकार होता है, तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अज्ञात कारणों से स्वस्थ ऊतकों पर ही अटैक कर देती है। इसका आनुवांशिक जोखिम भी देखा जाता रहा है और ये समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। विशेषज्ञ कहते हैं, कुछ प्रकार की बीमारियों के कारण भी लोगों में पीओटीएस का खतरा बढ़ता हुआ देखा गया है।