किसी भी गंभीर बीमारी से बचे रहने के लिए शरीर के लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान देते रहना जरूरी है। जिस तरह से कम उम्र में ही लोगों में क्रोनिक बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है उसे ध्यान में रखते हुए पहले से ही अलर्ट हो जाना जरूरी है। समय पर बीमारियों का पता लगाने के लिए आवश्यक है कि आप नियमित से डॉक्टरी सलाह लेते रहें। जिन लोगों में पहले से किसी बीमारी का निदान किया गया है, उन्हें और भी सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
डॉक्टर कहते हैं, अच्छी सेहत चाहते हैं और चाहते हैं कि आप बीमारियों से बचे रहें तो सभी लोगों के लिए कुछ प्रकार के जांच जरूरी हैं। डॉक्टर कहते हैं, भले ही आप स्वस्थ हैं फिर भी कुछ जांच कराएं। आइए इस बारे में जानते हैं।
नियमित रूप से कराएं सेहत की जांच
डॉक्टर कहते हैं, जिस तरह से लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी देखी जा रही है, इसने सभी उम्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य जोखिमों को बढ़ा दिया है। हालिया आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि 20 से कम आयु के लोग भी हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर और मोटापा का शिकार हो रहे हैं। ये स्थितियां शरीर के कई अंगों को प्रभावित करने वाली हो सकती हैं। इन समस्याओं पर निरंतर ध्यान देते रहना और इसे बढ़ने से रोकना जरूरी है। इसलिए ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की जांच करते रहें।
ब्लड शुगर की जांच जरूरी
ब्लड शुगर (रक्त शर्करा) की जांच करते रहना मधुमेह के प्रबंधन के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। जिन लोगों को पहले से टाइप-1 या टाइप-2 डायबिटीज की समस्या रही है, या जो लोग इंसुलिन लेते हैं उन्हें डॉक्टर नियमित रूप से इसके जांच की सलाह दे सकते हैं। आप घर पर ही ग्लूकोज मीटर से शुगर के स्तर की निगरानी कर सकते हैं।
डॉक्टर कहते हैं, जिन लोगों के माता-पिता को डायबिटीज की समस्या रही है उन्हें 30 की उम्र के बाद हर महीने ग्लूकोज मीटर से और हर छह महीने पर HbA1c की जांच करानी चाहिए।
ब्लड प्रेशर की जांच
ब्लड शुगर की ही तरह से ब्लड प्रेशर के स्तर पर भी ध्यान देते रहना जरूरी है। ब्लड प्रेशर की अनियंत्रित स्थिति हार्ट, आंखों, किडनी के लिए खतरनाक हो सकती है। जिन लोगों के माता-पिता या परिवार में पहले से किसी को हाई ब्लड प्रेशर या फिर हृदय रोगों की समस्या रही हो उन्हें और भी सावधानी बरतनी चाहिए।