प्रयागराज:  उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के इतिहास की सबसे बड़ी परीक्षा समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 पर निगरानी के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। यह परीक्षा 27 जुलाई को प्रदेश के 2382 केंद्रों पर होगी।

इससे पूर्व 11 फरवरी 2024 को हुई इसी परीक्षा में पेपर लीक हो गया था और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी। यह परीक्षा अब डेढ़ साल बाद होने जा रही है और इस दौरान परीक्षा की पारदर्शिता व निगरानी के लिए कई बड़े निर्णय लिए गए।

आरओ/एआरओ परीक्षा पहली बार आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआई) की निगरानी में होगी। किसी भी गड़बड़ी की आशंका पर कंट्रोल रूम को सीधे अलर्ट मिल जाएगा और गड़बड़ी को रोका जा सकेगा। परीक्षा कक्ष में अगर कोई अभ्यर्थी उधर-उधर देखना है या धीमे से भी कुछ बोलता है तो एआई तकनीकी मदद से उसे तुरंत चिह्नित कर लिया जाएगा। सिर्फ अभ्यर्थी ही नहीं बल्कि कक्ष निरीक्षकों पर भी एआई की निगरानी होगी ताकि किसी भी तरह से गड़बड़ी की कोई आशंका न रह जाए।

आरओ/एआरओ के 411 पदों पर भर्ती के लिए 1076004 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। आयोग को पहली बार इस परीक्षा के लिए प्रदेश के सभी जिलों में केंद्र बनाने पड़े हैं। प्रयागराज में कुल 106 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।