नई दिल्ली: अगर आप भी ट्रेन टिकट आईआरसीटीसी के जरिए बुक करते यह खबर आपके लिए है, क्योंकि आईआरसीटीसी ने 2.5 करोड़ से ज्यादा यूजर आईडी को डीएक्टिवेट कर दिया है। रेलवे को डेटा के विश्लेषण में कुछ यूजर्स के बुकिंग पैटर्न पर शक हुआ था। इसी संदेह के आधार पर इन यूजर्स की आईडी को बंद किया गया है। सरकार ने संसद में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।
राज्यसभा सांसद सांसद एडी सिंह ने संसद में इस बारे में सवाल पूछा था। सिंह ने रेलवे मंत्रालय से सवाल पूछा था कि आईआरसीटीसी के करोड़ों यूजर्स की आईडी क्यों बंद की गई, टिकट बुकिंग खुलते ही टिकट कैसे गायब हो जाते हैं और इसे रोकने के लिए रेलवे क्या कदम उठा रहा है? इसके जवाब में सरकार ने जानकारी दी। मंत्रालय ने अपने जवाब में लिखा है कि,टिकट बुकिंग में हो रही गड़बड़ियों को रोकने के लिए आईआरसीटीसी ने 2.5 करोड़ से ज्यादा यूजर आईडी बंद कर दी है। जांच में पता चला कि इन यूजर आईडी से बुकिंग करने में कुछ गड़बड़ है।
25 जुलाई को राज्यसभा में दिए गए एक उत्तर में रेल मंत्रालय ने कहा कि टिकट बुकिंग सिस्टम में हो रही गड़बड़ी और गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए आईआरसीटीसी ने यह कदम उठाया है। डेटा एनालिसिस के दौरान पाया गया कि करोड़ों यूजर आईडी फर्जी या संदिग्ध जानकारियों से बनी थीं। जिसके बाद उनको डीएक्टिवेट कर दिया गया ताकि तत्काल टिकट बुकिंग में पारदर्शिता लाई जा सके और ईमानदार यात्रियों को नुकसान ना हो।
मंत्रालय ने यह भी बताया कि, ट्रेनों में टिकटों की मांग पूरे साल एक जैसी नहीं रहती है। कुछ समय ऐसा होता है जब टिकटों की मांग बहुत ज्यादा होती है और कुछ समय ऐसा होता है जब कम होती है। जो ट्रेनें ज्यादा लोकप्रिय हैं और जो यात्रा करने में कम समय लेती हैं, उसमें टिकट जल्दी बिक जाते हैं। लेकिन दूसरी ट्रेनों में टिकट आसानी से मिल जाते हैं। यात्रियों को कन्फर्म टिकट आसानी से मिलें, टिकट बुकिंग में पारदर्शिता रहे और लोग ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन टिकट बुक करें, इसके लिए रेलवे ने कई कदम उठाए हैं।
इसके अलावा वेटिंग लिस्ट की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। अगर डिमांड बढ़ती है, तो स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाता है या फिर मौजूदा ट्रेनों में अतिरिक्त डिब्बे जोड़े जाते हैं। साथ ही, विकल्प और अपग्रेडेशन स्कीम जैसी योजनाएं चलाई जाती हैं ताकि वेटिंग वाले यात्रियों को भी कंफर्म सीट मिल सके।