स्वामी प्रसाद मौर्या कुशीनगर जिले की पडरौना विधानसभा सीट से लगातार तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं। वर्ष 2009 में बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़े, लेकिन 20 हजार वोटों के अंतर से हार गए।
स्वामी प्रसाद मौर्या ने विधानसभा का उपचुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत दर्ज कर कुशीनगर की राजनीति के केंद्र में आ गए।तत्कालीन मुख्यमंत्री व बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंच से कहा कि ‘कुशीनगर जिले का उनकी सरकार में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। वे अपने सबसे विश्वासपात्र व प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्या को यहीं छोड़कर जा रही हैं’।
पडरौना से विधायक रहे आरपीएन सिंह चुनाव जीतकर सांसद बन गए, लिहाजा उपचुनाव हुआ। तब प्रदेश के 38 मंत्रियों ने यहां डेरा डाल दिया। पहली बार पडरौना से बसपा का खाता खुला और स्वामी प्रसाद मौर्या बड़े अंतर से चुनाव जीत गए। भाजपा की सरकार में कुशीनगर में स्वामी प्रसाद मौर्या की खूब चली।
थानेदार से लेकर अन्य विभागों के अफसर तक उनकी पसंद के आधार पर आते-जाते रहे।सबसे अधिक प्रभाव पंचायत चुनाव में उभरकर सामने आया। ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवारों का नाम उनकी सहमति मिलने के बाद ही तय हो पाया।