शरीर में प्रोटीन (Protein) की कमी को पूरा करने के लिए अब मांस (Meat), अंडा, दूध सहित महंगे पाउडर पर निर्भर नहीं रहना होगा. इंडियन साइंटिस्टों ने हमारे खेत में ही पैदा होने वाले एक अनाज की खास प्रजाति विकसित की है, जिससे की हमारे शरीर को ज्यादा मात्रा में प्रोटीन मिल सकेगा. जी हां, हम बात कर रहे हैं, मक्काकी.
वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)के साइंटिस्टों ने इस खास प्रजाति की मक्का को ‘मालवीय स्वर्ण मक्का-वन’नाम दिया है. आपको बता दें कि मालवीय जी बीएचयू के संस्थापक महामना मदन मोहन मालवीय को कहा जाता है.
क्या कहते हैं जानकार
प्रो. जेपी शाही (Prof. JP Shahi के मुताबिक इस मक्के में मौजूद अमीनो एसिड लायसिन (Amino Acids Lysine) और टिप्टोफेन (Tiptophan) के कारण इसका सेवन करने वालों को खून की कमी दूर करने के लिए अलग से आयरन की टैबलेट की जरूरत नहीं होगी. ये शरीर में कैल्शियम और खून बनने की प्रक्रिया को भी तेज करती है.
लायसिन और टिप्टोफेन के फायदे
लायसिन (lysine) एथलीटों के प्रदर्शन को बेहतर करने के साथ डायबिटीज में बेहद उपयोगी है. यह प्रोटीन प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) बेहतर करने के साथ में आंतों द्वारा कैल्शियम को अवशोषित करने की दर भी बढ़ा देता है. वहीं, टिप्टोफेन शिशुओं के सामान्य विकास के साथ ही प्रोटीन एवं एंजाइम के उत्पादन और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है.