मौद्रिक नीति समिति के फैसलों का एलान होने के बाद घरेलू बाजार पर इसका सकारात्मक असर दिखा। रेपो रेट और सीआरआर में कटौती जैसे फैसलों ने बाजार में निवेशकों को आकर्षित किया। आरबीआई गवर्नर के एलानों के बाद उनकी ओर से मजबूत खरीदारी की गई जिसका पॉजिटिव असर प्रमुख बेंचमार्क सूचकांकों पर पड़ा। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स और निफ्टी लगातार तीसरे दिन हरे निशान पर बंद होने में सफल रहे।
सेंसेक्स 747 अंक मजबूत हुआ, निफ्टी 25000 के पार पहुंचा
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 746.95 अंक या 0.92 प्रतिशत चढ़कर 82,188.99 अंक पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी 252.15 अंक या 1.02 प्रतिशत बढ़कर 25,003.05 अंक पर आ गया। बैंक निफ्टी में भी मजबूती बढ़त दिखी और यह 817.55 (1.47%) अंक चढ़कर 56,578.40 के स्तर पर बंद हुआ। ब्याज दरों के प्रति सबसे संवेदनशील रियल्टी इंडेक्स में 4.74 प्रतिशत तक का उछाल आया। वहीं, ऑटो इंडेक्स में 1.50 प्रतिशत और बैंकेक्स में 1.25 प्रतिशत की वृद्धि दिखी। रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती के बाद हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन रुपया डॉलर के मुकाबले 14 पैसे कमजोर होकर 85.65 (अस्थायी) के स्तर पर बंद हुआ।
क्या रहा सेंसेक्स की कंपनियों का हाल?
सेंसेक्स फर्मों में से बजाज फाइनेंस में 4.93 प्रतिशत और एक्सिस बैंक में 3.15 प्रतिशत की तेजी आई। मारुति, इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व, इटरनल, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील, कोटक महिंद्रा बैंक, टाइटन, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी अन्य प्रमुख लाभार्थियों में से थे। भारती एयरटेल और सन फार्मा पिछड़ गए। जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि आरबीआई के फैसले के बाद “बैंकिंग, रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सहित दर-संवेदनशील क्षेत्र तेजी का नेतृत्व कर रहे हैं।
जानकार बोले- भू-राजनीतिक तनावों के बीच आरबीआई का रुख सकारात्मक
सैमको म्यूचुअल फंड के सीआईओ उमेशकुमार मेहता ने कहा कि रेपो रेट में 25 आधार अंकों तक की कटौती की संभावना थी। उम्मीद से कहीं ज्यादा की कटौती हुई है। यह एक सकारात्मक रुख है। घटती मुद्रस्फीति और स्थिर आर्थिक वृद्धि को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। भू-राजनीतिक तनावों के बीच यह बदलाव महंगाई में नियंत्रण करने के साथ-साथ आर्थव्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता के बीच संतुलन बनाने में मदद करेगा। केंद्रीय बैंक ने 2025-26 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को पहले के 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया।