Friday, September 20, 2024 at 6:29 AM

इन ईटिंग हैबिट्स का अनुसरण करके आप भी अपने शरीर को बना सकती हैं स्वास्थ्य

जब बात शरीर को हैल्दी रखने की आती है तो उसमें हमारी ईटिंग हैबिट्स का बहुत बड़ा हाथ होता है. ऐसे में फिट  हैल्दी रहना है तो आयुर्वेद के अनुसार जानें कि हमें क्या खाना चाहिए, कब खाना चाहिए  कैसे खाना चाहिए.

शरीर की प्रकृति के अनुसार करें भोजन
हम दिनभर में जो भी खाते-पीते हैं, महत्वपूर्ण नहीं कि वह शरीर के लिए लाभकारी ही हो. आयुर्वेद में हर वस्तु के खाने-पीने का समय मौसम और शरीर की प्रकृति के अनुसार तय किया गया है.

आहार के छह रस
आयुर्वेद के अनुसार, भोजन में 6 रस शामिल होने चाहिए. ये 6 रस हैं- मधुर (मीठा), लवण (नमकीन), अम्ल (खट्टा), कटु (कड़वा), तिक्त (तीखा)  कषाय (कसैला). शरीर की प्रकृति अनुसार भोजन करें. इससे शरीर में पोषक तत्वों का संतुलन नहीं बिगड़ता है. कुछ लोग मिली हुई प्रकृति के होते हैं. ऐसे लोगों को आयुर्वेद विशेषज्ञ की परामर्श से आहार लेना चाहिए.
32 बार क्यों चबाएं
अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो खाना चबा-चबाकर खाएं. आयुर्वेद में 32 बार चबाकर खाने का नियम बताया गया है. इससे पाचन अच्छा रहता है  पोषक तत्व शरीर को लगते हैं. देर रात खाने से पाचन तंत्र निष्क्रिय होता है, जिससे भोजन पचने में परेशानी होती है. इसलिए अपच, गैस  कब्ज की समस्या बढ़ती है.
कभी-कभी खाएं
पनीर हफ्ते में दो बार खाएं. स्प्राउट्स सप्ताह में दो बार लें. स्प्राउट को रातभर पानी में भिगोने के बाद एक बार उबालें  उसमें नमक, नींबू मिलाकर खा सकते हैं. दही सप्ताह में दो या तीन बार ही इस्तेमाल करें क्योंकि प्रतिदिन इसे खाने से मोटापा, जोड़ों में दर्द और मधुमेह की शिकायत हो सकती है. बेहतर होगा दही में शहद या मिश्री मिलाकर खाएं.

ये भी है महत्वपूर्ण
घर के 4 सदस्यों के परिवार में 2 लीटर खाद्य ऑयल ही पर्याप्त माना जाता है. यदि आप एक कचोरी खा लेते हैं तो इसमें लगभग 15 मिलीग्राम ऑयल होता है जिससे रोजाना की आवश्यकता पूरी हो जाती है. इसके अलावा तैलीय चीजों को लेने से शरीर में फैट जमना प्रारम्भ होता है. घर पर तैयार भोजन में भी ऑयल की मात्रा नियंत्रित करनी चाहिए. बाहर की डीप फ्र्राइड चीजों से बचना चाहिए. कचौरी, समोसा, पकौड़ी, फ्रेंच फ्राइज, मठरी शरीर में फैट की मात्रा बढ़ाते है. मार्केट में तैयार इन चीजों में स्मोक पॉइंट से अधिक तापमान पर गर्म करने से पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं. ट्रांसफैट की मात्रा बढ़ती है. शरीर में टॉक्सिन, फ्री रेडिकल्स बनते हैं.
खाने से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
सब्जियों को ज्यादा न पकाएं. सब्जियां न तो ज्यादा पकी होनी चाहिए  न ही कच्ची.
अदरक का टुकड़ा तवे पर भूनकर सेंधा नमक के साथ लें. इससे भूख बढ़ती है.
जंकफूड में सोडियम, ट्रांसफैट  शर्करा की भरमार होती है. इन्हें खाने से परहेज करें.

Check Also

मानसून में डेंगू के साथ येलो फीवर का भी हो सकता है खतरा, जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके

मानसून के दिनों में मच्छर जनित रोगों का खतरा काफी बढ़ जाता है। हालिया रिपोर्ट्स …