हर साल डेटिंग के कुछ नए और अनोखे टर्म और ट्रेंड सामने आते हैं। जेन-जी के बीच ये ट्रेंड काफी चर्चा में रहते हैं। आपको भी इन डेटिंग ट्रेंड के प्रति जागरूक रहना चाहिए ताकि आपका रिश्ता बेहतर बना रहे।डेटिंग का एक नया ट्रेंड फ्लडलाइटिंग, सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है। फ्लडलाइटिंग को लेकर रिलेशनशिप विशेषज्ञ सिंगल लोगों को हाई अलर्ट पर रहने की चेतावनी दे रहे हैं। इस लेख में जानिए क्या है फ्लडलाइटिंग और रिश्ते पर इसका असर।
क्या है ‘फ्लडलाइटिंग’ डेटिंग ट्रेंड?
फ्लडलाइटिंग डेटिंग का वह चलन है, जिसमें एक साथी रिश्ते की शुरुआत में ही बेहद निजी बातें शेयर करता है। अगर आपने हाल ही में डेटिंग शुरू की है और आपको लगता है कि आप या आपका संभावी पार्टनर आपसे जरूरत से अधिक बातें शेयर कर रहा है तो ये फ्लडलाइटिंग है।
फ्लडलाइटिंग चालाकीपूर्ण डेटिंग रणनीति है, जिसमें एक शख्स अपनी बेहद निजी जानकारी साथी से साझा करने लगता है, जिसमें उनके पुराने रिश्ते से जुड़े दर्द, बचपन का संघर्ष, किसी तरह का कोई सदमा या दुख सभी कुछ शेयर करना है।
बहुत जल्दी रिश्ते में इस तरह की बातें साझा करके वह इंटिमेसी की झूठी भावना पैदा करते हैं, दूसरे व्यक्ति की सहानुभूति और विश्वास प्राप्त करना चाहते हैं या यह देखना चाहते हैं कि क्या दूसरा व्यक्ति आपके जीवन की इन बातों को संभाल सकता है।
समय के साथ स्वाभाविक रूप से विकसित होने वाली भावना, विश्वास और निर्भरता पर टिकी होती है लेकिन फ्लडलाइटिंग भावनात्मक इंटिमेसी को तेजी से आगे बढ़ाता है। अपने संभावित साथी के सामने पारदर्शिता गलत नहीं लेकिन फ्लडलाइटिंग को समझना है तो ये जानना जरूरी है कि इस तरह की बातें साझा करने की मंशा बहुआयामी होती है। इसका मकसद अक्सर दर्द को कम करना, रिश्ते में वफादारी और सहनशीलता को टेस्ट करना होता है।
फ्लडलाइटिंग के नुकसान
शोषण का जोखिम
बहुत जल्दी बहुत ज्यादा शेयर करने से आप मैनिपुलेशन के शिकार हो सकते हैं। अगर सामने वाले के दिल में आपके लिए अधिक रूचि नहीं है तो वह आपकी बातों का गलत तरीके से उपयोग कर सकता है।
असंतुलन
जब एक व्यक्ति बहुत ज्यादा शेयर करता है, तो दूसरे व्यक्ति के लिए शेयर करने की गुंजाइश कम हो जाती है। सुनने वाले पर आपकी भावनाओं को संभालने का दबाव या बोझ बढ़ता है। वह रिश्ते में इमोशनल केयरटेकर बन जाता है जो कि असंतुलन को बढ़ाता है।
झूठी इंटिमेसी
बहुत जल्दी व्यक्तिगत बातें साझा करने से एक ऐसा बंधन बन सकता है जो लंबे समय तक टिकाऊ नहीं होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इससे साथी प्राकृतिक तरीके से आपके करीब नहीं आ पाता और जल्दबाजी में रिश्ता आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होता है।
असुरक्षा
बहुत ज्यादा शेयर करना अक्सर रिजेक्शन के डर और स्वीकृति की आवश्यकता से उपजा होता है। दोनों ही स्वस्थ रिश्ते के लिए आदर्श नहीं हैं।