Indian travellers and motorists gather after a landslide blocked their route along the national highway on the outskirts of Vishuprayag on May 19, 2017, in the northern state of Uttarakhand. According to local media reports some 15,000 tourists are stranded after a massive landslide took place on the main Rishikesh-Badrinath Highway a popular pilgrim route to Joshimath. / AFP PHOTO / STR (Photo credit should read STR/AFP/Getty Images)

उत्तराखंड में अगले महीने चार धाम यात्रा शुरू होने जा रही है. चारधाम यात्रा बिना रुकावट के सुचारू कराना शासन और प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती साबित हो सकता है, क्योंकि चारधाम यात्रा मार्ग पर पीडब्ल्यूडी ने तकरीबन 65 ऐसे बड़े लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए हैं जो यात्रा में बाधा बन सकते हैं.

अधिकांश लैंडलाइन जोन पर ट्रीटमेंट का काम जारी है. जिसके लिए तकरीबन सौ करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है, लेकिन यात्रा सीजन शुरू होने से पहले इन सभी डेंजर पॉइंट का ट्रीटमेंट पूरा नहीं हो सकेगा.

पीडब्ल्यूडी विभाग का यह दावा है कि यात्रा के लिए विभाग द्वारा सभी तैयारी कर ली गई हैं, जो अति संवेदनशील पॉइंट हैं वहां पर जरूरी उपकरण और कर्मचारी मौजूद रहेंगे.

इन 65 लैंडस्लाइड जोन में कुछ बड़े जोन भी हैं. इनमें बांसवाड़ा, बदासू और डोलिया देवी के पास डेंजर जोन है. इसके अलावा रुद्रप्रयाग के पास नरकोटा सिरोबगड़ डेंजर जोन है. गौरीकुंड को जोड़ने वाली पांच किलोमीटर की सलामी बेहद छोटी है.

देवप्रयाग तहसील के पास महादेव चट्टी, तोतो घाटी और तीन धाना लैंडस्लाइड जोन है.  काकडागाड़, सेमी बैंड, देविधार, मुनकटिया, धरासू बैंड के अलावा नगुड़ के पास टिहरी में अटालीगंगा होटल के समीप लैंडस्लाइड जोन है.