यूरिक एसिड का बढ़ना शरीर के लिए बेहद घातक होता है. यह शरीर को एक तरह से तोड़ देता है. यूरिक एसिड शरीर के वेस्ट प्रोडक्ट है जिसका बाहर निकलना ही बेहतर है.यूरिक एसिड प्यूरिन है जो शरीर में कई केमिकल के निर्माण के दौरान बाय प्रोडक्ट के रूप में बनता है. शरीर में प्यूरिन की मात्रा ज्यादा हो जाने पर किडनी इसे पूरी तरह निकालने में सक्षम नहीं हो पाती है
मायो क्लिनिक के मुताबिक बढ़ता वजन, डायबिटीज, दवाइयों का अधिक सेवन, शराब का सेवन अधिक करने से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है. विटामिन बी-3 की कमी है. डाइट में रेड मीट खासकर लीवर, किडनी, स्वीटब्रेड, एंटोवाइव्स, सेलफिश, सार्डिन, टूना आदि मछलियों का अधिक सेवन करने से यूरिक एसिड तेजी से बढ़ने लगता है.
शोधकर्ताओं ने इसे साबित करने के लिए सबसे पहले चूहों में यीस्ट देकर उनमें यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ाया. इसके बाद वजन के हिसाब से इलेक्ट्रोलाइट पानी दिया गया. सात दिनों तक चूहों ने जितना पेशाब किया, इसके साथ ही पेशाब को अल्कलाइन बनाने में मदद मिली. पेशाब अल्कलाइन होने का मतलब कई बीमारियों से मुक्ति है.