मुंबई: महाराष्ट्र में मुगल शासक औरंगजेब को लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस बात पर पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजी भी तेज है। इसी बीच एक बार इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान सामने आया है। जहां सोमवार को उन्होंने कहा कि चाहे लोग मुगल बादशाह औरंगजेब को पसंद करें या न करें, उनकी कब्र एक संरक्षित स्मारक है और इसे नहीं हटाया जाएगा, लेकिन महिमामंडन भी नहीं होने दिया जाएगा। नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने ये भी कहा कि कानून के दायरे से बाहर की संरचनाओं को हटाया जाना चाहिए।
औरंगजेब के कब्र पर तनाव जारी
बता दें कि फडणवीस का यह बयान उस समय आया है जब दक्षिणपंथी संगठन, विशेष रूप से विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी), छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुल्ताबाद शहर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग कर रहे हैं। इस मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुए थे और अफवाहें थीं कि पवित्र शिलालेखों वाली चादर जलाए गए, जिसके बाद इस महीने की शुरुआत में नागपुर में हिंसा भी भड़क उठी थी। हालांकि अब नागपुर की स्थिति नियंत्रण में है।
सोनिया गांधी की आलोचना का भी किया विरोध
साथ पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 की आलोचना करने वाले लेख में की गई टिप्पणियों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि हम शिक्षा का भारतीयकरण कर रहे हैं। अंग्रेजों ने भारतीयों को अपने आधीन करने के लिए एक शिक्षा प्रणाली शुरू की थी। शिक्षा के भारतीयकरण का विरोध नहीं होना चाहिए।
फडणवीस ने कहा कि कोई भी देशभक्त इसका समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को इस पहल के बारे में सही जानकारी लेनी चाहिए और इसे समर्थन देना चाहिए। साथ ही फडणवीस ने ब्रिटिश इतिहासकार टीबी मैकाले के एक लेख का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस पत्र में कहा गया था कि जब तक तत्कालीन शिक्षा प्रणाली में बदलाव नहीं किया जाता, तब तक अंग्रेज देश पर शासन नहीं कर पाएंगे। ध्यान रहे कि सोनिया गांधी ने नई शिक्षा नीति को लेकर आरोप लगाया था कि केंद्र शिक्षा को सांप्रदायिक बनाने का प्रयास कर रहा है।
बैंकों में मराठी के उपयोग की मांग पर भी बोले फडणवीस
इसके अलावा, बैंकों में मराठी के उपयोग की मांग पर भी सीएम फडणवीस ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जहां आवश्यक हो, वहां भाषा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और इसमें कुछ गलत नहीं है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए।