मुंबई:  महाराष्ट्र के बीड में रविवार को हुए मस्जिद विस्फोट मामले में राज्यभर में सियासी गर्माहट तेज है। वहीं अब इस मामले में विपक्षी नेता ने राज्य सरकार पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए है। समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी ने भी महाराष्ट्र सरकार पर इस विस्फोट को लेकर निशाना साधा है। सोमवार को उन्होंने कहा कि यह विस्फोट मुसलमानों के खिलाफ राज्य के मंत्रियों और मुख्यमंत्री द्वारा की गई बयानबाजी का नतीजा है, जिसके कारण आम जनता में मुसलमानों के प्रति नफरत पैदा हुई है।

मंत्रियों के बयानबाजी को बताया जिम्मेदार
अबू आजमी ने आगे कहा कि जब मंत्री और मुख्यमंत्री रोज मुसलमानों के खिलाफ कुछ कहते हैं, तो इससे लोगों के मन में नफरत बढ़ेगी, और यही विस्फोट का कारण है। उन्होंने इस घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। आजमी ने यह भी कहा कि अगर कोई मुसलमान ऐसा करता, तो जल्दी ही बुलडोजर की कार्रवाई होती, लेकिन लगता है कि इस मामले में कार्रवाई के लिए बुलडोजर पंचर हो गया है।

सख्त कार्रवाई की मांग
इसके साथ ही आजमी ने कहा कि अगर मैं किसी को विस्फोट में शामिल देखता हूं, तो मैं सख्त कार्रवाई की मांग करूंगा। उन्होंने कहा कि एनआईए और एटीएस को इसकी जांच करनी चाहिए। अगर कोई मुस्लिम ऐसा करता, तो बहुत जल्दी बुलडोजर चला दिया जाता, लेकिन इस मामले में कुछ नहीं हो रहा।

वारिस पठाने ने भी उठाए सवाल
आजमी से पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने महाराष्ट्र सरकार से बीड में मस्जिद में हुए विस्फोट के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने सरकार से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपियों के खिलाफ कड़ी सजा देने का आग्रह किया।

पठान ने भी भाजपा पर पर साधा निशाना
पठान ने भी एएनआई से बात करते हुए कहा कि विस्फोट करने वाले लोग भाजपा नेताओं द्वारा दिए जाने वाले नफरत भरे भाषणों से प्रेरित होते हैं। सरकार को इस मामले में आरोपियों के खिलाफ यूएपीए कानून लागू करना चाहिए, और उनके मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे बयानबाजी के लिए भाजपा नेताओं को भी दंडित किया जाना चाहिए जो रोज़ नफरत फैलाते हैं। अगर ऐसा किया जाए, तो हम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोक सकते हैं।