उत्तर प्रदेश वासियों को महंगाई का झटका लगा है। प्रदेश के बिजलीघरों के लिए विदेशी कोयले की खरीद उपभोक्ताओं को भारी पड़ सकती है।
उत्पादन निगम की ओर से शासन को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि 10 प्रतिशत विदेशी कोयले की खरीद से प्रदेश के सभी बिजलीघरों पर लगभग 11 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा और दरों में बढ़ोतरी करनी पड़ेगी।
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने अचानक नई बिजली दरें जारी कर दीं। दो वर्षों बाद फिर से बिजली उपभोक्ताओं पर महंगी दरों का बोझ डाल दिया गया।
विद्युत उत्पादन निगम की ओर से सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के सभी बिजलीघरों के लिए कराए गए आकलन केअनुसार एक साल में कुल खपत का 10 प्रतिशत आयातित कोयला मंगाने पर लगभग 11,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त भार पड़ेगा।
प्रीपेड मीटर वालों को सहूलियत दी गई है। उन्हें अब टैरिफ पर दो फीसदी तक की छूट मिल सकेगी। अभी यह 1.25 फीसदी थी। आयोग ने 94 हजार से अधिक बिजली कर्मचारियों और पेंशनरों को भी अब घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं में रख दिया है। इन्हें इसी श्रेणी के अनुसार बिल देना होगा।