Thursday, November 14, 2024 at 10:23 AM

डॉक्टरों के सुरक्षा के लिए गठित टास्क फोर्स की पहली बैठक खत्म, सदस्यों ने कई मुद्दों पर किया विचार-विमर्श

देश में स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए दिशा निर्देश तैयार करने के उद्देश्य से उच्चतम न्यायालय की तरफ से गठित कार्यबल की पहली बैठक मंगलवार को हुई। इस दौरान प्राथमिकता वाले मुद्दों की पहचान करने और उनके समाधान की रूपरेखा तैयार करने की खातिर हितधारकों से विस्तृत परामर्श करने का फैसला किया गया।

कोलकाता कांड के बाद सुप्रीम कोर्ट ने किया गठन
बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला चिकित्सक से कथित दुष्कर्म और फिर हत्या किए जाने की घटना के खिलाफ देशभर में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बाद मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था और 10 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यबल का गठन किया था।

आईएमए और हितधारकों से बातचीत करेगी एनटीएफ
वहीं एनटीएफ की पहली बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि एनटीएफ के सदस्यों ने चिकित्सा प्रतिष्ठानों में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा, संरक्षा और कार्य स्थितियों में सुधार के लिए प्राप्त कुछ सूचनाओं और अभ्यावेदनों पर विचार-विमर्श किया। एक सूत्र ने बताया, बैठक में फैसला लिया गया कि एनटीएफ आईएमए, संबंधित रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन जैसे हितधारकों के साथ विस्तृत बातचीत करेगी, क्योंकि उनके विचारों को जानना और उनकी बात सुनना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा समयसीमा भी सीमित है, इसलिए मसौदा जल्द से जल्द तैयार किया जाना चाहिए।

बैठक में तमाम मुद्दों पर किया गया विचार-विमर्श
एक सूत्र ने बताया कि हमने कुछ सुझावों पर पहले ही विचार-विमर्श कर लिया है, लेकिन हम उनका विस्तार करेंगे तथा इसे और अधिक समावेशी और व्यापक बनाने के लिए आगे भी विचार-विमर्श करेंगे, ताकि हमें उन मुद्दों पर स्पष्टता मिल सके, जिन्हें प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। साथ ही कार्यान्वयन के लिए निश्चित रूपरेखा भी तैयार करनी होगी।

उच्चतम न्यायालय ने एनटीएफ को दिया था ये निर्देश
सूत्रों के मुताबिक, इनके अलावा यह भी फैसला किया गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय एक पोर्टल शुरू करेगा जिसपर सभी हितधारक इस मुद्दे पर अपनी-अपनी राय और जानकारी साझा कर सकेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते बुधवार को एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया था, जिसमें एनटीएफ के लिए संदर्भ की शर्तों का उल्लेख किया गया था। इसके अनुसार, यह चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा, कार्य स्थितियों और कल्याण तथा अन्य संबंधित मामलों से संबंधित चिंताओं के समाधान के लिए प्रभावी सिफारिशें करेगा। उच्चतम न्यायालय ने एनटीएफ को दो उप-शीर्षकों – चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ लिंग आधारित हिंसा समेत हिंसा को रोकना और सुरक्षित कार्य स्थितियां प्रदान करना और चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ यौन हिंसा की रोकथाम के तहत एक कार्य योजना तैयार करने को कहा था।

Check Also

‘ग्लेशियर झीलों के जोखिम को कम करना जरूरी’, चौथे सीओडीआरआर कार्यशाला में बोले पीके मिश्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने कहा कि समुदायों के सुरक्षित …