नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार कई ऐतिहासिक निर्णय लेने के लिए जानी जाती है।सरकार ने धारा 370 और तीन तलाक जैसे ऐसे कई क्रांतिकारी कानूनों को पास कराया जो देश की अन्य सरकारों के लिए दूरी की कौड़ी बने हुए थे, लेकिन पीएम मोदी की कुछ महत्वाकांक्षी योजनाएं ऐसी भी हैं, जो सरकार के गले की फांस बनी हुई हैं।
मोदी सरकार द्वारा तीन कृषि विधेयकों को पारित करवाए जाने का कदम देश के कृषि क्षेत्र के लिए बड़े बदलावों की नींव माना जा रहा था। हालांकि, शुक्रवार को पीएम मोदी ने खुद इन कानूनों की वापसी की घोषणा कर दी। कृषि कानूनों के विरोध का आलम यह रहा कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद इन कानूनों को लागू होने से रोक दिया। खास बात यह थी कि मोदी सरकार ने भी कोर्ट के इस कदम का विरोध नहीं किया।
भाजपा ने सीएए और कृषि कानूनों की तरह ही अपनी महत्वाकांक्षी जम्मू-कश्मीर योजना को भी बैकसीट में धकेल दिया है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर राज्य को दो हिस्सों में तोड़ने के बाद भाजपा श्रीनगर और लेह को दिल्ली से ही नियंत्रित करने की योजना बना चुकी थी। इसके लिए लंबे समय तक कश्मीर के नेताओं को भी नजरबंद रखा गया।
सीएए-एनआरसी
भाजपा के 2014 के घोषणापत्र में यह वादा किया गया था कि उनकी सरकार देश में घुसपैठ रोकने और अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर एक स्पष्ट नीति बनाएगी और इसका हल निकालेगी। 2019 के घोषणापत्र में भी इसी वादे को दोहराते हुए भाजपा ने कहा कि वह नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) को भी जोर-शोर से पूरा कराएगी।