अडाणी समूह को श्रीलंका में मिली एक पवन ऊर्जा परियोजना पर विवादित टिप्पणी करने वाले द्वीपीय देश के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया है. श्रीलंका की सरकारी बिजली कंपनी सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के अध्यक्ष एमएमसी फर्डिनेंडो ने एक संसदीय पैनल के समक्ष दावा किया था .
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कथित तौर पर श्रीलंका में अडानी समूह को पवन ऊर्जा परियोजना देने के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पर दबाव डाला था.एक दिन पहले ही यह अधिकारी अपने बयान से पलट गए थे. अधिकारी ने देश की संसदीय समिति के समक्ष अडाणी समूह को परियोजना देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित तौर पर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को प्रभावित करने का दावा किया था.
श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकारा ने सोमवार को कहा कि श्रीलंका के बिजली विभाग के मुखिया का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है.फर्डिनेंडो ने शुक्रवार को सार्वजनिक उद्यम समिति की सुनवाई के दौरान कहा कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने उन्हें पिछले साल नवंबर में एक बैठक के बाद बुलाया था
अडाणी समूह ने सोमवार को एक बयान जारी कहा, ‘‘श्रीलंका में निवेश करने का हमारा इरादा एक मूल्यवान पड़ोसी की जरूरतों को पूरा करना है. एक जिम्मेदार कंपनी के रूप में, हम इसे उस साझेदारी के एक आवश्यक हिस्से के रूप में देखते हैं जिसे हमारे दोनों देशों ने हमेशा साझा किया है.’’