भारत और ब्रिटेन के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) ने देश के कई राज्यों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। आने वाले दिनों में भारतीय वस्तुओं व सेवाओं की तेजी से यूके के बाजार में पहुंच बढ़ेगी। इसलिए भारत निर्यातकों को प्रोत्साहन देने और उनकी क्षमता बढ़ाने पर काम करेगा।
शुक्रवार को वाणिज्य मंत्रालय के सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि भारत और यूके के बीच हुए समझौता का अधिक लाभ कैसे उठाया जाए? इसके लिए हितधारकों और निर्यातकों के साथ मिलकर क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। दोनों देश के बीच हुआ यह समझौता बहुत ही व्यापक है। दोनों पक्षों ने अपने-अपने हितों का ध्यान रखकर समझौते पर हस्ताक्षर किए है। भारत के लिहाज से देखा जाए तो समझौता काफी अहम है। प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद पर 70 फीसदी आयात शुल्क लगता था जो अब घटकर शून्य हो गया है।
इस समझौते से समुद्री उत्पादों, इंजीनियरिंग उत्पाद, मेडिकल उपकरण, फार्मा, चमड़ा, रत्न-आभूषण, फर्नीचर, खेल सामग्री, टेक्सटाइल एवं परिधान और केमिकल्स जैसे क्षेत्रों के लिए यूके में बड़ा बाजार उपलब्ध होगा। अब जरूरी है कि हितधारक और निर्यातक साथ में मिलकर अवसर का लाभ उठाए। इसके लिए हम क्षमता विस्तार पर जोर देंगे, जिससे भारतीय उत्पादों व सेवाओं की यूके के बाजार में पहुंच बढ़े। इसके साथ ही गुणवत्ता का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा। इस समझौते का सबसे अधिक लाभ एमएसएमई सेक्टर को होगा। खासकर जिन शहरों में क्लस्टर है, उनके उत्पाद यूके के बाजार में पहुंच सकेंगे। इसमें मुरादाबाद, कानपुर, आगरा जैसे शहरों के छोटे उद्योगों को भी व्यापक लाभ होगा।