Saturday, November 23, 2024 at 5:42 AM

आंखों की नमी बनाए रखने-रोशनी बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों ने बताए उपाय, सभी उम्र वालों के लिए जरूरी

वैश्विक स्तर पर आंखों से संबंधित कई प्रकार की बीमारियों को समय के साथ बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। कुछ दशकों पहले तक आंखों की समस्याओं को उम्र बढ़ने के साथ होने वाले विकारों के रूप में जाना जाता था, हालांकि अब कम उम्र के लोग भी इसके शिकार पाए जा रहे हैं। डॉक्टर्स बताते हैं, लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के अलावा बढ़ा हुआ स्क्रीनटाइम भी आंखों के लिए नुकसानदायक है। इसके कारण कम दिखाई देने से लेकर, ड्राई आइज, आंखों में दर्द, ग्लूकोमा और कुछ स्थितियों में रोशनी तक चले जाने की समस्या भी देखी जा रही है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आंखों को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार के सेवन के साथ नियमित रूप से कुछ अभ्यास करना लाभकारी हो सकता है। पलकों को झपकाने की आदत इसमें सबसे फायदेमंद मानी जाती रही है। माना जाता है कि पलकों को झपकाने से आंखों की नमी बनी रहती है और ड्राई आइज की समस्या का जोखिम कम होता है। हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस आदत को आंखों की रोशनी बढ़ाने वाला भी पाया है। क्या आप समय-समय पर पलकों को झपकाते हैं?

पलकें झपकाने से आंखों को मिलता है आराम

अमेरिका की रोचेस्टर यूनिवर्सिटी में हुए अध्ययन के मुताबिक, बार-बार पलक झपकने से न सिर्फ आंखों की नमी को बनाए रखने में मदद मिलती है साथ ही इससे आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि जब आप पलक झपकाते है तो इससे रेटिना उत्तेजित होती है जिससे छवि साफ दिखने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं पलकें झपकने से हमारा दिमाग भी सक्रिय मोड में रहता है। हम जितने देर जागते हैं, उतनी देर में पलकें झपकने से हमारी आंखें करीब 10% समय बंद रहती है, इससे दिमाग को आराम मिलता है।

अध्ययन में क्या पता चला?

विश्वविद्यालय में न्यूरोसाइंटिस्ट बिन यांग ने अपने प्रकाशित पेपर में लिखा है, हमने पाया है कि पलक झपकने से रेटिना की उत्तेजना की शक्ति बढ़ जाती है। आंखों की मांसपेशियों के लिए ये सरल व्यायाम भी है। मांसपेशियां जितनी सक्रिय रहेंगी, रक्त का संचार भी उतना ही ठीक रहता है जिससे आप न सिर्फ आंखों को स्वस्थ रख सकते हैं साथ ही इससे संबंधित कई प्रकार के विकारों को भी कम किया जा सकता है।

पिछले शोधों से पता चलता है कि पलकें झपकाने से हमारी ध्यान क्षमता भी एक्टिव होती है, वस्तुओं को पहचानने में मदद मिलती है। इसके अलावा इससे आंखों को सूखने से बचाने में मदद मिलती है जो कई प्रकार की बीमारियों का प्रमुख कारण रहा है।

ड्राई आइज की समस्या का कम होता है जोखिम

अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि पलकों को झपकने से आंखें, मस्तिष्क से मिल रही दृश्य संबंधी जानकारी को पुन: स्वरूपित कर पाती हैं। जिन लोगों में कुछ कारणों से पलकों के न झपकने की समस्या होती है उनमें ड्राई आइज जैसे विकारों का खतरा भी अधिक हो सकता है। ड्राई आइज को अंधेपन का एक प्रमुख जोखिम कारक माना जाता रहा है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पलकें झपकाने के कई लाभ हैं पर अनावश्यक रूप से पलकों को झपकाने से नुकसान भी हो सकता है।

ज्यादा पलकें झपकाने के भी नुकसान

शोधकर्ताओं ने कहा, आंखों की नमी बरकरार रहे, रोशनी बेहतर बनी रहे इसके लिए समय-समय पर पलकों को झपकाते रहना जरूरी है, पर ज्यादा लाभ के चक्कर में अनावश्यक रूप से ये काम नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा करने से आप आंखों की रोशनी जल्दी खो सकते हैं।

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